भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच खबर है कि सत्र से पहले कुछ विभागों के प्रमुख सचिव बदले जा सकते हैं। कुछ मंत्रियों ने विभागीय अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगाए थे। पिछली कैबिनेट में भी मंत्री मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रख चुके हैं।
मंगलवार को कैबिनेट में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और सुखदेव पांसे के बीच हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों मंत्री अलग-अलग गुट से हैं, लेकिन गुटों के नेताओं में अभी तक खुलकर स्थिति सामने नहीं आई है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों की नाराजगी की वजह जानने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली के बारे में भी पूछताछ की है। खबर है कि सत्र से पहले यदि अधिकारियों के तबादले होते हैं तो स्वास्थ्य, शिक्षा एवं खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव भी बदले जा सकते हैं। सिंधिया गुट के मंत्रियों की नाराजगी की वजह भी यह बताई जा रही है कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। दरअसल मंत्री अधिकारी बदलने को लेकर ही मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए समय मांगे रहे थे, जो उन्हें अभी तक नहीं मिल पाया है। इसके बाद मंत्रियों की नाराजगी सामने आई है। हालांकि इस नारजगी को सिंधिया की प्रेसर पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है। मंत्रियों की नाराजगी दूर करने अफसरों को बदला जा सकता है|
ये मंत्री बदलना चाहते हैं अधिकारी
शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। मंत्री ऑफ लाइन तबादला चाहते हैं, लेकिन पीएस किसी भी स्थिति में यह करने को तैयार नहीं है। सामान्य प्रशासन विभाग से हटने के बाद रश्मि अपनी पूरी टीम के साथ शिक्षा विभाग में पहुंची हैं। जीएडी में लंबे समय तक उपसचिव रहीं अनुभा श्रीवास्तव और सुधीर कोचर की पदस्थापना भी शिक्षा विभाग में करवाई है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सुखदेव पंासे भी विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल के कामकाज से खुश नहीं हैं। इसी तरह खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर भी विभाग की प्रमुख सचिव नीलम शमी राव को हटवाने चाहते हैं। नीलम विभागीय मंत्री की नोटशीट को भी गंभीरता से नहीं लेती है।
विभाग बदलवाना चाहते हैं राजन
मंत्रालयीन सूत्रों से खबर है हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव बनाए अनुपम राजन खुद विभाग बदलवाना चाहते हैं। उन्होंने अभी तक अधीनस्तों के बीच कार्य का बंटवारा नहीं किया था। वे विभाग के पूर्व प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया द्वारा बनाई गई व्यवस्था पर काम करने को तैयार नहीं है। अगले कुछ दिन के भीतर महिला एवं बाल विकास विभाग में कुछ अफसरों को पदस्थापना हो सकती है। जो लंबे समय से काम जमे हैं, उन्हें हटाया जा सकता है।