MP new tourism TVC ‘Moh Liya Re’ sparks controversy : मध्य प्रदेश पर्यटन को लेकर बनाए गए विज्ञापन हमेशा ही अपनी रचनात्मकता को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। ‘एमपी का दिल देखो’ हो या फिर ‘एमपी ग़ज़ब है’..पिछले सारे विज्ञापनों को काफी सराहा गया है। लेकिन एमपी के 69वें स्थापना दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा जारी किए गए नए टूरिज्म टीवीसी “मोह लिया रे” पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को घेरते हुए आरोप लगाया है कि नए विज्ञापन में कई महत्वपूर्ण विश्व प्रसिद्ध धरोहर नदारद है।
इसी के साथ उन्होंने ये भी सवाल किया है कि ‘इस विज्ञापन में सांची जैसी अंतरराष्ट्रीय धरोहर की उपेक्षा क्या इसलिए की गई कि वहां के प्रतिनिधि शिवराज सिंह चौहान हैं और उनसे डॉ मोहन यादव की खुन्नस जगजाहिर है।’ इस तरह सिंघार ने विज्ञापन के बहाने मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच के संबंध पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विज्ञापन में सिर्फ उन स्थानों को क्यों दर्शाया गया है, जिनका प्रतिनिधित्व बड़े नेता करते हैं।
MP Tourism के विज्ञापन ‘मोह लिया रे’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जारी किए गए नए विज्ञापन ‘मोह लिया रे’ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विज्ञापन में कई प्रसिद्ध धरोहर स्थलों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार और पर्यटन मंत्री मोहन यादव पर विज्ञापन में राजनीतिक प्राथमिकताओं के आधार पर पर्यटन स्थलों के चयन का आरोप लगाया। सिंघार ने कहा कि तीन मिनट के इस विज्ञापन में सिर्फ खजुराहो, महाकाल (उज्जैन), ग्वालियर और ओरछा जैसे स्थानों को ही दिखाया गया है, जबकि सांची के स्तूप, भीम बेटका, मांडू, महेश्वर और ओंकारेश्वर जैसे विश्व प्रसिद्ध धरोहर स्थलों को नजरअंदाज किया गया है। इसी के साथ उन्होंने शिवराज सिंह चौहान और सीएम डॉ मोहन यादव के बीच तनातनी की बात भी कही और सवाल किया कि क्या इसी कारण पूर्व सीएम के क्षेत्र सांची की अनदेखी हुई है।
उमंग सिंघार ने साधा निशाना
उमंग सिंघार ने इस विज्ञापन को लेकर एक्स पर लिखा है कि ‘मोहन बाबू कम से कम पर्यटन के मामले में तो राजनीति में मत कीजिए ! पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश के भव्य इतिहास को प्रचारित करने के लिए बने नए विज्ञापन में कई महत्वपूर्ण विश्व प्रसिद्ध धरोहर नदारद है! सांची के स्तूप, भीम बैटका, मांडू, महेश्वर और ओंकारेश्वर जैसे कई विख्यात स्थल नदारद हैं। करीब 3 मिनट के इस टीवी विज्ञापन में सिर्फ खजुराहो, महाकाल, ग्वालियर और ओरछा को ही जगह दी गई! क्या इसलिए कि यहां का प्रतिनिधित्व बीजेपी के बड़े नेता करते हैं? उज्जैन के प्रतिनिधि सीएम खुद हैं, खजुराहो के वीडी शर्मा, , ग्वालियर का नरेंद्र तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया करते हैं! इसमें सांची जैसी अंतरराष्ट्रीय धरोहर की उपेक्षा क्या इसलिए की गई कि वहां का प्रतिनिधि शिवराज सिंह चौहान हैं। उनसे मोहन यादव की खुन्नस जगजाहिर है। एमपी की यह ब्रांडिंग ‘मोह लिया रे’ प्रदेश की धरोहरों का विज्ञापन नहीं करती, बल्कि उसकी भव्यता घटाती है! हर जगह राजनीति करना अच्छी बात नहीं है मोहन बाबू! इन ऐतिहासिक धरोहरों की उपेक्षा यहां रहने वाले लोगों के साथ व्यापार-व्यवसाय पर भी असर डालेगी! जनता भी ये सहन नहीं करने वाली!’
मोहन बाबू कम से कम पर्यटन के मामले में तो राजनीति में मत कीजिए !!!
पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश के भव्य इतिहास को प्रचारित करने के लिए बने नए विज्ञापन में कई महत्वपूर्ण विश्व प्रसिद्ध धरोहर नदारद है!
सांची के स्तूप, भीम बैटका, मांडू, महेश्वर और ओंकारेश्वर जैसे कई विख्यात स्थल… pic.twitter.com/RmEIHVB1bN— Umang Singhar (@UmangSinghar) November 12, 2024