MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान को सर्वोपरि रखने का प्रण लिया, कहा “हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं”

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Last Updated:
कांग्रेस अध्यक्ष ने समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में बाबा साहब के सपनों को पूरा करने का वचन दिया। उन्होंने कहा कि हम न्यायसंगत तरीके से समावेशी विकास के उनके सपनों को पूरा करने की चेष्टा करते रहेंगे। आज भारतभर में डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। इसी कार्यक्रम के दौरान संसद भवन में प्रधानमंत्री मोदी और खड़गे की मुलाकात भी सुर्खियों में है।
बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान को सर्वोपरि रखने का प्रण लिया, कहा “हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं”

Mahaparinirvan Diwas : आज डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि “हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं”। ये बात उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखी। उन्होंने लिखा कि ‘उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हमने एक बार फिर प्रण लिया कि संविधान को सर्वोपरि रखकर हम न्यायसंगत तरीके से समावेशी विकास के उनके सपनों को पूरा करने की चेष्टा करते रहेंगे।’

आज, 6 दिसंबर 2024, भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। बाबा साहेब ने 6 दिसंबर 1956 को देह त्यागी थी और यह दिन उनकी अमूल्य उपलब्धियों और सामाजिक सुधारों को याद करने का अवसर है। आज के दिन विभिन्न स्थानों पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र के नागपुर स्थित दीक्षाभूमि और मुंबई के चैत्यभूमि पर हजारों लोग एकत्र होकर उन्हें नमन कर रहे हैं। इस अवसर पर विभिन्न राज्य सरकारों और संगठनों ने उनके आदर्शों पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कही ये बात

डॉ. अंबेडकर न सिर्फ भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे, बल्कि वे सामाजिक न्याय, जाति उन्मूलन और दलितों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष करने वाले एक प्रखर नेता भी थे। उन्होंने ‘अस्पृश्यता’ और जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी लेखनी, जैसे “एनिहिलेशन ऑफ कास्ट” (जाति का उन्मूलन) आज भी प्रासंगिक है।
डॉ. अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया, जो उनकी सामाजिक समता और मानवता की दृष्टि को प्रकट करता है। उन्होंने पंचशील और बौद्ध विचारधारा को अपने जीवन का अंग बनाया।

आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि ये दिन भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों और सिद्धांतों को सम्मानित करने और उन्हें याद करने का है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि भारतीय समाज को स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर चलना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर यह संकल्प लेने की बात कही कि संविधान को सर्वोपरि मानते हुए समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाया जाए। यह बाबा साहब के सपनों के भारत की दिशा में एक प्रयास है, जहां हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिले।

पीएम मोदी और खड़गे की मुलाकात सुर्खियों में

बता दें कि आज ही संसद भवन लॉन में डॉ. भीमराव अंबेडकर के 69वें महापरिनिर्वाण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे का आमना सामना हुआ। दोनों नेता बड़े ही सहज तरीके से एक दूसरे से मिले। पीएम और खड़गे ने एक दूसरे से हाथ मिलाया और बात करने के दौरान हंसते हुए भी नज़र आए। संसद भवन के भीतर एक दूसरे का विरोध करने वाले देश के दो शीर्षस्थ नेता जब संसद भवन के लॉन में मिले तो उन्होंने मुस्कुराते हुए एक दूसरे का हाथ थामा और कुछ देर बातचीत भी की। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।