MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

IPS मनीष शंकर शर्मा का निधन, इलाज के दौरान दिल्ली में ली अंतिम सांस, सीएम डॉ. मोहन यादव ने जताया शोक

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
वे एक ऐसे अधिकारी रहे जो आईपीएस को करियर नहीं सेवा मानते थे। अपने पूरे सेवाकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी रणनीतिक सोच और योगदान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में सैन डिएगो की सिटी काउंसिल ने उनके सम्मान में 20 जुलाई को "मनीष शंकर शर्मा डे" घोषित किया और अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने भी उन्हें सम्मानित भी किया।
IPS मनीष शंकर शर्मा का निधन, इलाज के दौरान दिल्ली में ली अंतिम सांस, सीएम डॉ. मोहन यादव ने जताया शोक

Special DGP Manish Shankar Sharma Passes Away : मध्यप्रदेश पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजी) रेल मनीष शंकर शर्मा का शनिवार देर रात दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी का पार्थिव शरीर भोपाल लाया जा रहा है जहां उनका अंतिम संस्कार होगा। मनीष शंकर शर्मा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा के पुत्र थे। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनके असमय निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

मनीष शंकर शर्मा एक ऐसे आईपीएस अधिकारी थे, जिन्होंने अपनी 28 साल की सेवा में न सिर्फ भारत बल्कि विश्व के चार महाद्वीपों में अपनी छाप छोड़ी। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी रणनीतिक सोच और योगदान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल सिक्युरिटी, काउंटर टेररिज्म एंड पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त शर्मा को यूनाइटेड नेशंस पीस मेडल, नेशनल लॉ डे अवॉर्ड, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अवॉर्ड और पद्मश्री “आरएन जुत्शी मेडल” जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। वर्ष 2015 में सैन डिएगो की सिटी काउंसिल ने उनके सम्मान में 20 जुलाई को “मनीष शंकर शर्मा डे” घोषित किया और अमेरिकी संसद के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने भी उन्हें सम्मानित किया।

IPS को करियर नहीं, सेवा मानते थे मनीष शंकर शर्मा

मध्यप्रदेश के सीनियर आईपीएस अधिकारी मनीष शंकर शर्मा के निधन से प्रदेश में शोक की लहर है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वे मानते थे कि आईपीएस करियर नहीं बल्कि एक सेवा है। 11 मई 1966 को होशंगाबाद में जन्मे मनीष शंकर शर्मा ने इंदौर के डेली कॉलेज से स्कूली शिक्षा और भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज से ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद बिड़ला इंस्टीट्यूट, पिलानी से मार्केटिंग में एमबीए हासिल किया। 1992 में आईपीएस में चयन के बाद उन्होंने 1997 में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत बोस्निया और हर्जेगोविना में सेवा दी, जहां उन्होंने स्थानीय पुलिस को प्रशिक्षण प्रदान किया। मध्यप्रदेश में रायसेन, सतना, छिंदवाड़ा और खंडवा जैसे जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में उनकी कार्यशैली ने क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर में सुधार के लिए उन्हें खास पहचान दिलाई।

कई महत्वपूर्ण स्थानों पर उल्लेखनीय सेवाएं दी

केंद्र में प्रतिनियुक्ति के दौरान फरवरी 2005 से मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के तहत देश के 114 हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली। अगस्त 2008 में वित्त मंत्रालय ने उन्हें टी बोर्ड इंडिया के लिए वेस्ट एशिया और नॉर्थ अफ्रीका का डायरेक्टर नियुक्त किया, जहां उन्होंने वैश्विक व्यापार को बढ़ावा दिया। मध्यप्रदेश लौटने के बाद आईजी भोपाल के रूप में पुलिस सुधारों और पुलिसकर्मियों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जिससे वे जनता और पुलिस बल दोनों में लोकप्रिय रहे। मई 2017 में उन्हें एडीजीपी के पद पर पदोन्नति मिली।

आतंकवाद पर गहन अध्ययन और लेखन

मनीष शंकर शर्मा ने आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की कार्यप्रणाली और वित्तीय संसाधनों पर गहन शोध किया और इसके खिलाफ वैश्विक रणनीति प्रस्तुत की। उनकी पुस्तक “ग्लोबल टेररिज्म-चैलेंजेस एंड पॉलिसी ऑप्शंस” में योगदान उन्हें एकमात्र भारतीय लेखक के रूप में पहचान दिलाता है। एक कुशल वक्ता के रूप में उन्होंने विश्व भर में आतंकवाद प्रबंधन पर प्रभावशाली संबोधन भी दिए। फेम इंडिया मैगजीन और एशिया पोस्ट के “25 उत्कृष्ट आईपीएस 2020” सर्वे में उन्हें “ऊर्जावान” श्रेणी में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ था।

शोक की लहर, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि “पुलिस सेवा में तत्परता, निष्ठा और समर्पण के प्रतीक श्री मनीष शंकर शर्मा का असमय चले जाना प्रदेश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।” उनके निधन से पुलिस महकमे में शोक की लहर छा गई है।