भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के पंजीयन विभाग (Registration department) के कर्मचारियों ने आला अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इनका आरोप है कि दो महीने तक बिना कोई अवकाश दिये उनसे लगातार काम कराया गया। इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री (CM) और मंत्री (Minister) से की गई है।
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मध्य प्रदेश में सरकार ने सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए शनिवार और रविवार का अवकाश (leave) घोषित किया है। 10 जून को ही सामान्य प्रशासन विभाग ने 31 दिसंबर तक दो दिन के अवकाश की साप्ताहिक व्यवस्था को लागू रखने के आदेश दिए हैं। लेकिन महा निरीक्षक पंजीयन ने इस आदेश को दरकिनार करते हुए शनिवार 11 जून 2022 को ऑफिस खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इतना ही नहीं, जब पूरे प्रदेश में सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को शनिवार और रविवार के अवकाश मिल रहे थे, जबकि 29 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 तक पंजीयन विभाग के कर्मचारियों को लगातार बगैर कोई अवकाश कार्यालय खोलने का मनमाना आदेश दे दिया गया। इस पर पंजीयन संघ ने मंत्री को ज्ञापन दिया था कि ऐसा नहीं किया जाए और कम से कम रविवार का अवकाश तो मिले। मंत्री ने भी अपनी नोटशीट पर प्रमुख सचिव को यह निर्देश दिए कि मानवीय संवेदना को देखते हुए कर्मचारियों को रविवार का अवकाश दिया जाए लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इसे कूड़ेदान में डाल दिया यानी साफ तौर पर विभागीय मंत्री के आदेश तक को दरकिनार कर दिया गया।
पंजीयन संघ का आरोप है कि 29 जनवरी 2022 से 31 मार्च 2022 के बीच 18 दिन के अवकाश निरस्त किए गए और अब 11 जून का अवकाश भी निरस्त कर दिया गया है। कर्मचारियों का यह भी कहना है कि उनसे ऐसे तकनीकी काम भी कराए जाते हैं जो उनके लिए संभव ही नहीं है। अधिकारियों की इस प्रताड़ना की शिकायत अब मुख्यमंत्री और मंत्री से भी की गई है और साफ चेतावनी दी गई है कि अब यदि 11 जून के बाद कोई अवकाश निरस्त करके कार्यालय खोलने का आदेश दिया गया तो पंजीयन संघ के सदस्य उस दिन आकस्मिक अवकाश पर रहेंगे और पंजीयन कार्य नहीं करेंगे। ऐसी हालत में जो कुछ होगा, उसकी जिम्मेदारी पंजीयन संघ की नहीं होगी।
वहीं कांग्रेस (congress) ने इस मुद्दे पर सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) से सवाल पूछा है कि क्या यह कर्मचारी सरकार के नहीं हैं। कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि क्या यह कर्मचारी उनके भगवान नहीं है या फिर वे उनके मामा नहीं है।
मध्यप्रदेश के पंजीयन विभाग के कर्मचारियों ने अपने ही अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। दो महीने से इन्हे बिना कोई अवकाश दिये इनसे बंधुआ मजदूरों की तरह लगातार कार्य कराया जा रहा था। इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की गई है। मैं @ChouhanShivraj
जी,— Sangeeta Sharma🇮🇳 (@SangeetaCongres) June 11, 2022