कसौटी पर इन मंत्रियों की साख, उलटफेर संभव

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भोपाल। चुनाव संपन्न होने के बाद इब जीत हार को लेकर सभी प्रत्याशी मंत्रणा करने में जुटे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दस मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा था। जबकि भाजपा ने भारी मतों से जीत हासिल की थी। इस बार फिर चुनावी फिजा मंत्रियों के खिलाफ है। निर्दलीय और बागियों समेत जनता की नाराजगी इन मंत्रियों पर भारी पड़ गई है। नतीजे भले 11 दिसंबर को आएं लेकिन उससे पहले कुछ हद तक बंपर वोटिंग प्रतिशत ने मंत्रियों की नींद हराम कर दी है। इस डर का असर प्रचार के दौरान भी देखने को मिला। पार्टी का निर्देश था कि मंत्री अपने क्षेत्र के अलावा पड़ोसी जिले में भी पार्टी के लिए प्रचार करें। लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान के अलावा कोई भी अपना क्षेत्र छोड़ता नहीं दिखा। 

मुरैना विधासभा सीट पर इस बार चतुर्कोणिय मुकाबला था। पिछले विधानसभा चुनाव में मुरैना में 59 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार यह बढ़ कर 63 फीसदी हुई है। चार फीसदी की बढ़ोतरी जनता में असंतोष दर्शा रही है। इस सीट से भाजपा सरकार में मंत्री रूस्तम सिंह चुनावी मैदान में हैं। उनका  मुकाबा कांग्रेस बीएसपी के उम्मीदवार से रहा। वहीं, गोहद में मंत्री लाल सिंह आर्य की सीट भी खतरे में है। उनकी जीत भी खटाई में जाती दिख रही है। गोहद में भी पिछले चुनाव में 59 फीसदी मतदान हुआ था। आर्य को कांग्रेस और बीएसपी से सीधी चुनौती मिल रही है। आर्य इस सीट पर बीएसपी के वोट गिन रहे हैं। जिससे वह अपनी हार जीत का अंदाजा लगा सकें। 


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