भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। धर्म गुरु श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा ने कहा है कि कुछ राष्ट्र विरोधी ताकते हिंदुस्तान की सनातन परंपरा को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होने आशंका जताई कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे नरेंद्र गिरी महाराज की संदेहास्पद मौत इसी से जुड़ी हो सकती है। मिर्ची बाबा ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें जितना भी प्रयास कर लें, वह भारत की सनातन परंपरा का न कुछ बिगाड़ पाएंगी और न ही कामयाब हो पाएगी। स्वामी वैराग्यानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर महंत नरेंद्र गिरी की आत्महत्या की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई (CBI) से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
CM Helpline की शिकायतों के निराकरण में परिवहन विभाग अव्वल, परिवहन मंत्री करेंगे पुरस्कृत
मिर्ची बाबा ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में भारत में लगातार महंतों के साथ हो रहे अन्याय और योजनाबद्ध तरीके से उनकी हत्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि संत का काम लोगों को जीवन देना होता, जीवन लेना नहीं। उन्होंने कहा कि साधु कभी आत्महत्या नहीं कर सकता। पत्र में मिर्ची बाबा ने लिखा है कि नरेन्द्र गिरी महाराज एक मजबूत और निडर महंत थे। वह किसी से नहीं डरते थे, उनकी तो योजनाबद्ध तरीके से हत्या की गई है जिस की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से उच्च स्तरीय जांच की जाना चाहिए। मिर्ची बाबा ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी महाराज के साथ हुई इस घटना से मैं बेहद दुःखी हूं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के समस्त साधु और महात्मा, संतो और महंतों की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से विशेष सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कहा है कि देश का सन्त समाज अब यह अन्याय सहन नहीं करेगा। मिर्ची बाबा ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ दिनों से भारत के सन्त समाज पर सुनियोजित तरीके से हमले हो रहे हैं, वहीं उनकी छवि को धूमिल करने के हर सम्भव प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि समय रहते सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो लोगों को दुआ देने वाले यह हाथ खुद की सुरक्षा के लिए उठने पर मजबूर हो जाएंगे।
महामंडलेश्वर वैराग्यानंद गिरी महाराज (मिर्ची बाबा) ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा नरेंद्र गिरी के मामले में खामोशी पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सनातन धर्म पर हमेशा सवाल उठाने वाली सोनिया और राहुल गांधी ने इतने बड़े सन्त के निधन पर शोक संतावना के दो शब्द बोलना भी उचित नहीं समझते। क्या यही उनका राजनीतिक धर्म है। उन्होने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इस चुप्पी को क्या समझा जाए, क्या इससे ये साबित होता है कि कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व सिर्फ किसी किसी अवसर पर ही सामने आता है।