नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्रीय मंत्रिमंडल (union cabinet) ने बुधवार को देश से अधिक निर्यात की सुविधा के लिए कई अहम फैसले लिए। इसके साथ ही कनेक्टिविटी (connectivity) में सुधार के लिए कुछ रेलवे लाइनों (railway lines) के दोहरीकरण की भी घोषणा की गई है। मध्य प्रदेश के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा ऐलान किया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट (modi government) की बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर ने मीडिया को सभी फैसलों के बारे में जानकारी दी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (piyush goyal) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत ने चालू वित्त वर्ष में 21 सितंबर, 2021 तक 185 बिलियन रुपये का अब तक का सबसे अधिक निर्यात दर्ज किया है। मध्य प्रदेश के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,095.88 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण को मंजूरी प्रदान की है।
कैबिनेट द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों में शामिल हैं:
शिक्षा (Education)
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को मध्याह्न भोजन प्रदान करने के लिए पीएम पोषण योजना शुरू करने को भी मंजूरी दी।
- यह योजना 5 साल तक चलेगी और इसमें 1.31 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
- पीएम पोषण योजना मौजूदा मध्याह्न भोजन योजना को समाहित कर देगी।
रेलवे (Railway)
- कैबिनेट ने दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण को मंजूरी दी: नीमच- रतलाम और राजकोट-कनालुस नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण की कुल अनुमानित लागत 1,095.88 करोड़ रुपये और राजकोट-कनालूस रेलवे लाइन के दोहरीकरण को कुल अनुमानित लागत 1,080.58 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
- परियोजनाओं को 4 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, आसान कनेक्टिविटी प्रदान करना और क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है।
निर्यात क्षेत्र (Export)
- राज्य के स्वामित्व वाली एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्प (ईसीजीसी) को स्टॉक मार्केट लिस्टिंग के लिए मंजूरी दे दी गई है।
- सरकार 2021-22 से शुरू होने वाले अगले 5 वर्षों में ईसीजीसी में 4,400 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालेगी। 500 करोड़ रुपये का इन्फ्यूजन तुरंत किया जाएगा।
- ईसीजीसी की लिस्टिंग अगले साल होने की संभावना है।
- राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (NEIA) योजना में 1,650 करोड़ रुपये डाले जाएंगे।
- निर्यातोन्मुख उद्योग विशेषकर श्रम प्रधान क्षेत्र को शामिल करने के लिए ईसीजीसी के तहत कवरेज का विस्तार किया जाएगा।