भोपाल। मध्य प्रदेश समेत देश भर में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है| भोपाल में शुक्रवार को पारा 44 डिग्री पार चला गया। जबकि दोपहर बाद बूंदाबांदी-बादल छाए, इसके बावजूद पारा 44.4 डिग्री पर पहुंच गया। ये इस सीजन का सबसे ज्यादा तापमान है। ये सामान्य से 4 डिग्री ज्यादा है। राजधानी में यह इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। वहीं जबलपुर में गर्मी का 65 साल का रिकार्ड टूट गया। वहां दिन का तापमान 46.8 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले वहां 25 मई 1954 को तापमान 46.7 डिग्री रहा था। इनके अलावा जबलपुर समेत प्रदेश के दमोह, खजुराहो, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी, ग्वालियर, होशंगाबाद, खरगोन, रायसेन और उमरिया में पारा 45-46 डिग्री पार पहुंच गया। इन शहरों में लू चलने से लोग बेहाल हो गए। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप की वजह से देशभर में लोग बेहाल हैं| लेकिन इस बीच, मौसम विभाग ने मानसून को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है| मौसम विभाग के मुताबिक इस साल औसत बारिश होगी|
भारत में इस साल मानसून सामान्य या औसत रहने के ही आसार हैं। मप्र समेत मध्य भारत में सामान्य बारिश की संभावना अधिक है। लेकिन इस बार उत्तर और दक्षिण में मानसून सामान्य से कम रहने की आशंका है। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल सामान्य बारिश होने की उम्मीद है| अगस्त में 99 फीसदी मानसून का अनुमान है. 6 जून तक मानसून केरल में दस्तक देने लग सकता है. इसके बाद मानसून आगे बढ़ेगा, लिहाज 6 जून तक गर्मी से निजात मिलना मुश्किल है| क्षेत्रवार मानसूनी बारिश का आकलन करें तो उत्तर-पश्चिम भारत में एलपीए का 94 फीसदी रह सकती है। जबकि मध्य भारत (मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और छत्तीसगढ़) में एलपीए की सौ फीसदी बारिश होगी। आईएमडी के मुताबिक, मानसून के जुलाई और अगस्त में सामान्य से कम रहने की संभावना है। इसके साथ ही देश के दक्षिण-पश्चिम में भी इस साल यही स्थिति बनी रहेगी। इस साल मानसून दीर्घकाल औसत (एलपीए) के 96 फीसदी रहने की संभावना है। साल 1951 से 2000 के बीच औसत बारिश 89 सेंटीमीटर दर्ज की गई थी।