भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में लापरवाही पर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की गई है। बालाघाट के जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रविवार को हुई नवजात की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को चारों नर्सों नर्स ज्योति पडवार, अनिता राज, छाया पारधी और मिंटी मझार को एसएनसीयू वार्ड से हटा दिया है।इन नर्सों को अब किस डिपार्टमेंट में ड्यूटी की जिम्मेदारी दी जाएगी, ये आगामी दिनों में तय किया जाएगा। वहीं, ड्यूटी डॉक्टर ज्योत्सना मेश्राम के विरुद्ध नोटिस जारी कर 24 घंटों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मुरैना में अंबाह के बड़फरा गांव में भाई का शव गोद में रखकर बैठे मासूम के मामले में सिविल सर्जन राकेश शर्मा ने जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. विनोद गुप्ता, पीकू वार्ड के डाक्टर डीएस यादव, नरेश गांगिल और अंबाह अस्पताल से बच्चे को मुरैना रेफर करने वाले डाक्टर सतीश यादव को नोटिस देकर जवाब मांगा है। मुरैना कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच दल बनाया है, जिसमें जिला पंचायत सीईओ रोशन कुमार सिंह (आईएएस), सीएमएचओ डा. राकेश शर्मा को शामिल किया है। यह समिति तीन दिन में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेगी। कलेक्टर यह रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे।
मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी में पदस्थ परीक्षा नियंत्रक, सहायक कुलसचिव और एसोसिएट प्रोफेसर को पेपर लीक मामले में नोटिस जारी किया गया है। इसकी शिकायत मध्यप्रदेश स्टूडेंट यूनियन ने की थी कि सहायक कुलसचिव, परीक्षा कंट्रोलर के साथ मिलकर मॉडरेटर ने गोपनीय पेपर को लीक किया है।इसके बाद प्रभारी कुलसचिव बी. चंद्रशेखर ने रतलाम के केंद्राध्यक्ष पर कड़ी कार्रवाई की है और मेडिकल यूनिवर्सिटी में पदस्थ मॉडरेटर निधि श्रीवास्तव को छुट्टी में होने के बाद भी पेपर सेट करने को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने खाद्यान्ना वितरण में लापरवाही परनागरिक आपूर्ति निगम डीएम और डीएसओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। वही वेंडर्स का भुगतान न होने पर सीएमएचओ को सिविल सर्जन का तब तक वेतन आहरण न करने के निर्देश दिए, जब तक कि वेंडर्स का भुगतान न हो जाए। यदि समय सीमा में वेंडर्स का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उन अधिकारियों की सीआर में प्रतिकूल टीप अंकित कर संबंधित विभाग के अधिकारियों की व्यक्तिगत जवाबदारी भी निर्धारित की जाएगी।
शिवपुरी जिले में हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनावों में मतदान केंद्रों पर मतगणना नहीं करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई का दौर जारी है। पिछले दिनों खनियांधाना के आधा दर्जन शिक्षकों को निलंबित करने के उपरांत सोमवार को 60 मतदान केंद्रों के करीब 300 कर्मचारियों को एक बार फिर नोटिस थमाए गए हैं। वही प्रशासन ने खनियांधाना चुनाव में निर्वाचन कार्य में लापरवाही बदलने के चलते 6 शिक्षकों को निलंबित किया है। हालांकि खनियाधाना बीआरसीसी मुकेश यादव का निलंबन तो बहाल कर दिया। इसी तरह के आरोपों में निलंबित किए गए अन्य पांच शिक्षकों का निलंबन बहाल नहीं किया है। इस एक्शन के बाद कर्मचारियों में भारी आक्रोश है, उन्होंने अधिकारियों पर दोहरे रवैए का आरोप लगाया है और इस कार्रवाई को एक तरफा बताया है।।