भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शिवराज सरकार बड़े बदलाव कर रही है। इसी बीच महिलाओं की आत्मनिर्भरता को सिद्ध करने कि प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल महिला स्व सहायता समूह (Women Self Help Groups) को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने पंचायत में कर वसूली का काम महिला सहायता समूह को सौंपा है। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) ने नियम में संशोधन कर दिया है। कर वसूलने का काम अब महिला स्व सहायता समूह को दिया जाएगा। वहीं कर वसूलने पर समूहों को कमीशन भी प्राप्त होंगे।
महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से गुणाकार में बड़ी संख्या में मास्क आदि बनवाए गए थे इसके अलावा पोषण आहार तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी उन्हें 100 पर गए थे अब एक बार फिर से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नियम में संशोधन कर महिला स्व सहायता समूह को पंचायत में कर वसूलने का काम सौंपा गया है इसे एक तरफ जहां महिलाओं के जीवन में आर्थिक संपन्नता आएगी। वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के सरकार की योजना को भी बल मिलेगा।
बता दें कि बीते दिनों महिला स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए सीएम शिवराज ने समूह को नए क्षेत्र से जोड़ने के निर्देश दिए थे जिसके बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस पर बड़ी तैयारी की गई है अब नियम में संशोधन कर पंचायत कर एकत्र करने का काम भी इन्हें सौंपा गया है।
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मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव का कहना है कि कोरोना काल में रोकथाम के लिए राज्य सरकार के दिशा-निर्देश तय किए गए थे। जिसके बाद पंचायतों ने उनका पालन न करने वालों पर जुर्माना लगाया था। जुर्माना वसूली में महिला स्व सहायता समूह का प्रदर्शन बेहतरीन था। जिसको देखते हुए पंचायत नल जल योजना के संचालन का कार्य स्व सहायता समूह को सौंपा गया था। जिसके परिणाम बेहतर आने के बाद अब नियम में संशोधन किया गया है।
बता दें कि विभाग द्वारा इसके लिए पहले से ही तैयारी की जा रही थी। इसे प्रदेश के बालाघाट, नरसिंहपुर और उज्जैन के सहित कुछ अन्य जिलों में प्रयोग में लाया गया था। यह प्रयोग सफल होने के बाद अब नियम में संशोधन कर बदलाव किए गए हैं। महिला स्व सहायता समूह जल नल योजना के तहत कर की वसूली करेगी। इसके अलावा बिजली और साप्ताहिक बाजार की दुकानों से शुल्क संग्रहण करने का काम भी महिला स्व सहायता समूह का होगाकर इससे जहां पंचायतों की आय में वृद्धि होगी। वही समूह के सदस्यों को भी आर्थिक लव मिलेगा।