Sat, Dec 27, 2025

MP Board Paper Leak Case : सिलवानी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो शिक्षकों सहित तीन गिरफ्तार, ऐसे दिया था काम को अंजाम

Written by:Pooja Khodani
Published:
MP Board Paper Leak Case : सिलवानी पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दो शिक्षकों सहित तीन गिरफ्तार, ऐसे दिया था काम को अंजाम

MP Board Paper Leak Case : मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा दसवी व बारहवी के पेपर लीक मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। रायसेन पुलिस ने रविवार को दो शिक्षकों रमाशंकर अहिरवार और  निर्भय भवेदी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित शिक्षक सिलवानी ब्लाक के परीक्षा केंद्र प्रतापगढ़ के हैं और प्रश्नपत्रों को व्‍हाट्सएप ग्रुप पर भेजते थे।

रायसेन के जिला शिक्षा अधिकारी एम एल राठौरिया के द्वारा लिखित आवेदन प्रस्तुत किया कि थाना सिलवानी अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रतापगढ़ परीक्षा केंद्र में दिनांक 14/03/23 को कक्षा 10वीं के संस्कृत विषय के पेपर के संबंध में उमेश ठाकुर निवासी भोपाल के द्वारा समय 09.36 बजे सूचना दिया कि प्रतापगढ़ परीक्षा सेंटर को आवंटित प्रश्नपत्र की फोटो प्राप्त हुई है।उक्त सूचना पर जिला शिक्षा अधिकारी एवं उनके निरीक्षण दल द्वारा सत्यापन करने पर पाया की परीक्षा केंद्र प्रतापगढ़ के केंद्राध्यक्ष रमाशंकर अहिरवार एवं सहायक केंद्राध्यक्ष निर्भय भवेदी के द्वारा अपने पदीय कर्तव्यों के विपरीत परीक्षा की शुचिता भंग कर अनैतिक लाभ लिया गया एवं परीक्षार्थियों के साथ धोखाधड़ी की गई। उक्त आशय की रिपोर्ट करने पर दिनांक 18/03/2023 को थाना सिलवानी जिला रायसेन में आरोपीगणों के विरुद्ध अपराध धारा 420 आईपीसी एवं मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा 304 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।

तीनों को न्यायिक अभिरक्षा भेजा

इसके बाद पुलिस अधीक्षक रायसेन विकाश कुमार शाहवाल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसेन अमृत मीणा के मार्गदर्शन में एसडीओपी सिलवानी राजेश तिवारी तथा थाना प्रभारी सिलवानी उप निरीक्षक भारत सिंह के द्वारा पुलिस टीम गठित कर आरोपियों की तलाशी प्रारम्भ की गई।  पुलिस टीम द्वारा परीक्षा केंद्र प्रतापगढ़ के केंद्राध्यक्ष रमाशंकर अहिरवार, सहायक केंद्राध्यक्ष निर्भय भवेदी एवं एक अन्य सहयोगी केशव को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के उपरांत आरोपियों को न्यायालय पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।