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Wed, Dec 17, 2025

मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने मुँह पर काला कपड़ा बाँधकर किया विरोध प्रदर्शन, सत्र की अवधि बढ़ाने की माँग

Written by:Shruty Kushwaha
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आज से विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ और शुरुआत ही विपक्ष की नारेबाजी से हुई। कांग्रेस का कहना है कि सरकार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा से बचना चाहती है इसलिए इतना छोटा सत्र रखा है। इससे पहले, आज उमंग सिंघार ने प्रदेश सरकार से भ्रष्टातार, कर्ज, क्राइम, किसान, आदिवासी, दलित, रोज़गार जैसे मुद्दों को लेकर दस सवाल किए थे।
मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने मुँह पर काला कपड़ा बाँधकर किया विरोध प्रदर्शन, सत्र की अवधि बढ़ाने की माँग

MP Budget Session 2025 : मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने काला कपड़ा बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पूछा कि ‘सरकार मुँह क्यों छिपा रही है और सत्र की अवधि क्यों नहीं बढ़ा रही है।’ इन सवालों के साथ विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन किया।

उमंग सिंघार ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की जवाबदेही से बचना नहीं चलेगा, जनता के हर सवालों का जवाब सरकार को देना ही पड़ेगा। बीजेपी की सरकार जनता से मुँह छिपा रही है इसीलिए हम प्रतीकात्मक रूप से मुँह छिपाकर विरोध ज़ाहिर कर रहे हैं। बता दें कि आज विधानसभा सत्र शुरु होने से पहले उमंग सिंघार ने सरकार से दस सवाल किए थे और उनके जवाब मांगे थे।

कांग्रेस का मुँह पर काला कपड़ा बाँधकर विरोध प्रदर्शन

कांग्रेस विधायक विधानसभा सत्र कि अवधि बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। आज विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार जी के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों मुँह पर काला कपड़ा बाँधकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उनका कहना है कि ‘लोकतंत्र की खिलाफत करने वाली और जनता से डर रही भाजपा सरकार ने मात्र 9 दिन का बजट सत्र आयोजित कर अपनी जिम्मेदारियों से भागने का काम किया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जनहित से कोई मतलब नहीं है। इसलिए महत्वपूर्ण सत्र के दिन कम कर वह सिर्फ औपचारिकता पूरा करना चाहती है।’

विपक्ष ने सत्र की अवधि बढ़ाने की माँग की 

उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार मुँह छिपा रही है। इसीलिए वो भी काला कपड़ा बाँधकर मुँह छिपाकर विरोध दर्शा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘सरकार सवालों का जवाब क्यों नहीं देना चाहती है। प्रदेश में भ्रष्टाचार हो रहा है, उसपर वो बात नहीं करना चाहती है। नौकरी, किसानों की समस्याएं, बढ़ते कर्ज को लेकर हम बात करना चाहते हैं लेकिन सत्र सिर्फ नौ दिन का रखा गया है। हम चाहते हैं कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए और सरकार विभिन्न मुद्दों पर बात करे।’