MP College: छात्रों के लिए बड़ी खबर, विभाग ने दिए ये निर्देश, ऐसे तैयार होगा सिलेबस

Pooja Khodani
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College higher education department

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेज छात्रों (MP College Student) के लिए अच्छी खबर है। मध्यप्रदेश में चिकित्सा पाठ्यक्रम (medical education) को हिन्दी में पढ़ाने की तैयारी भोपाल के जीएमसी कॉलेज से शुरू हो गई है। इसके पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए 2 चरण और 3 समितियां भी बनाई गई है।इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा मंत्री  विश्वास कैलाश सारंग ने सभी को निर्देश जारी कर दिए है।

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दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 26 जनवरी 2022 गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा का पाठ्यक्रम हिन्दी में किये जाने की घोषणा के परिपालन में चिकित्सा शिक्षा विभाग(medical education department) ने कार्यवाही शुरू कर दी है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री  विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि मुख्यमंत्री  की मंशा अनुरूप प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों (medical colleges) में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिन्दी में पढ़ाये जाने की कार्यवाही जारी है। इसी अनुक्रम में कार्यवाही कर गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल (Gandhi Medical College, Bhopal) से इसकी शुरुआत करने के निर्देश दिये गये हैं।

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मंत्री  सारंग द्वारा चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम में हिन्दी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने और MBBS के प्रथम वर्ष के विषयों के लिए हिन्दी में सप्लीमेंट्री पुस्तकों को तैयार करने के लिये विषय-विशेषज्ञों से चर्चा भी की गई। वही अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार तथा एम्स भोपाल और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के साथ आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की उपस्थिति में विचार-विमर्श किया।

ऐसे रहेगी पूरी प्रक्रिया

  • प्रथम चरण

प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जायेगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जायेगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का 2 माह अंग्रेजी माध्यम से एवं 2 माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जायेगा।

  • द्वितीय चरण

द्वितीय चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 3 विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जायेगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिए 3 समिति बनायी गयी है।

  • प्रथम समिति

चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना तैयार करने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्तरूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा। इससे इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।

  • द्वितीय उप समिति

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री की हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकें तैयार करने के लिये उप समिति गठित की गई।

  • तृतीय उप समिति

द्वितीय उप समिति द्वारा हिन्दी में तैयार किए गए विषय को पुनः सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के लिये एक सत्यापन उप समिति भी गठित की गई है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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