MP College: शासकीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों को ये निर्देश जारी, छात्रों को मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेज छात्रों (MP College Student) के लिए काम की खबर है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सभी शासकीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों (Government University Vice Chancellor) को निर्देश दिए है कि विद्यार्थियों के पालक भाव से कार्य करें और उन्हें सामाजिक जिम्मेदारियों का अहसास कराएँ। स्थापना के 5 वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालय नैक ग्रेडिंग प्राप्त करें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानदंड अनुसार पुस्तकालयों की व्यवस्था करें।

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मंगलवार को राजभवन में शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की अकादमिक गतिविधियों की समीक्षा बैठक के दौरान  राज्यपाल मंगुभाई पटेल (MP Governor Mangubhai Patel) ने कुलपतियों से अपेक्षा की है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अच्छे कार्यों की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाएँ। जहाँ भी जो भी अच्छा है, उससे प्रेरणा लें। जहाँ कमी है, वहाँ अधिक शक्ति लगाकर कार्य करें। शैक्षणिक गुणवत्ता का नया आयाम प्राप्त करें।  कुलपति विद्यार्थियों के पालक के भाव के साथ कार्य करें। विश्वविद्यालय में व्यवस्थाएँ विद्यार्थीमूलक हो। विद्यार्थियों को पठन-पाठन के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों का भी अहसास कराएँ। सिकल सेल जन-जागृति के प्रयासों में छात्र-छात्राओं की सहभागिता प्राप्त करें।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति (new education policy) में युवाओं के हौसलों को नई ऊँचाई देते हुए, उनके सपनों को साकार करने का अवसर दिया है। प्रदेश के विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति के लाभ मिलें, इसके लिए जरूरी है कि पाठ्यक्रम और उससे जुड़ी अन्य व्यवस्थाएँ जल्द की जाएँ। यह सुनिश्चित हो कि परीक्षाएँ और उनके परिणाम समय पर आयें। गुणवत्तापूर्ण अध्ययन, अध्यापन के लिए आधारभूत संरचना सुदृढ़ हो। अकादमिक कैलेंडर का पालन हो। शैक्षणिक पदों की पूर्ति में विलंब नहीं हो। विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष एक नियत तिथि पर दीक्षांत समारोह आयोजित करें।

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राज्यपाल  पटेल ने कहा कि स्थापना के 5 वर्ष पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालय नैक ग्रेडिंग प्राप्त करें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मानदंड अनुसार पुस्तकालयों की व्यवस्था करें। ऑडिट आपत्तियों का निराकरण कराएँ। न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण कार्य को निजी उत्तरदायित्व मानकर गंभीरतापूर्वक कार्य करें। यह सुनिश्चित करें कि न्यायालय के समक्ष अपने पक्ष का प्रभावी और समय पर प्रस्तुतिकरण हो। न्यायालय में नियत तिथि पर व्यक्तिगत उपस्थिति की व्यवस्थाओं के सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। विश्वविद्यालय, जनजातीय आबादी वाले गाँवों को गोद लें। सिकल सेल एनीमिया रोग की जागरूकता के कार्यक्रम, चयनित गाँवों में जाँच और परीक्षण के शिविर लगाएँ और रोगियों के उपचार में सहयोग करें।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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