MP: दस दिन में ‘कर्जमाफी’ बड़ी चुनौती, वादा पूरा करने की तैयारी तेज

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भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद लोगों में सबसे ज्यादा चर्चा सबसे बड़ी घोषणा कर्जमाफी की हो रही है| क्यूंकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने चुनाव रैलियों में ऐलान किया था कि सरकार बनने के दस दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ़ कर दिया जाएगा| अगर ऐसा नहीं हुआ तो ११वे दिन मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा| पार्टी ने अपने वचन पत्र में भी इसे शामिल किया और यही माना जा रहा है कि यही वादा कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम कर गया और वह बहुमत के करीब पहुंचने में कामयाब रही। अब कांग्रेस इस वादे पर अमल करने में जुट गई है| मिख्यमंत्री की घोषणा होने के बाद कमलनाथ ने कहा हमारी प्राथमिकता वचन पत्र में लिखी हर बात पर अमल करना होगा| अपने वादे को पूरा करने की तैयारी भी तेज हो गई है| सचिवालय के अधिकारियों ने भी राज्‍य की आर्थिक स्तिथि से जुड़े आंकड़े तैयार करना शुरू कर दिया है ताकि अगले कुछ दिनों में उसे नए सीएम के सामने पेश किया जा सके। वहीं कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अधिकारी भी एक्शन में आ गए हैं, और खजाने की स्तिथि और भार का अनुमान के तहत आंकड़े जुटाए जा रहे हैं, साथ पंजाब सरकार के कर्जमाफी के फॉर्मूले का भी अध्यन किया जा रहा है| 

नई सरकार के कर्ज माफी के वादे को पूरा करने को लेकर कृषि, सहकारिता और संस्थागत वित्त विभाग के अधिकारियों ने बैठक की। इसमें सहकारिता अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास 40.96 लाख किसानों पर 56 हजार करोड़ का कर्ज होने का अनुमान है। बैठक में तय हुआ कि बैंकों को प्रारूप भेजकर दो दिन में किसानों के कर्ज पर वास्तविक जानकारी मंगाई जाए। सरकार बनने से पहले ही कांग्रेस ने भी मप्र के किसानों की कर्जमाफी का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ मिलकर कांग्रेस के नेताओं दिल्ली में बैठक कर इस पर काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा अनुसार मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करना है। सरकार बनते ही कांग्रेस का पहला काम कर्जमाफी की घोषणा पर अमल करना ही है। प्रदेश कांग्रेस के रणनीतिकारों ने कर्जमाफी का ब्लूप्रिंट तैयार करने से पहले मप्र सरकार की वित्तीय हालत का भी अध्ययन किया है। इसके लिए वित्त विभाग से कुछ आंकड़े भी लिए गए। प्रदेश पर वर्तमान में करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। खजाने की माली हालत खराब होने के चलते किसानों का कर्जमाफी बड़ी चुनौती होगी। 


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