भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के शिवराज सरकार (Shivraj government) ने एक बार फिर से हितग्राहियों (beneficiaries) को बड़ा तोहफा दिया दरअसल 45 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक (persimmon collector) को इसका लाभ मिलेगा। वन विभाग (forest deprtment) ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। जारी आदेश के मुताबिक अब तेंदूपत्ता संग्राहक को वर्ष 2022 के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर ₹3000 प्रति मानक बोरा निर्धारित कर दी गई है।
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल 2022 को वन समिति के सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम शिवराज से तेंदूपत्ता संग्रहण दर बनाए जाने की घोषणा की थी। जिसके बाद इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2021 तक संग्रहण दर ₹2500 प्रति मानक बोरा थी। जिसे अब ₹500 से बढ़ा दिया गया है।
वहीं 2022 में तेंदूपत्ता संग्राहक को के लिए 16.29 लाख मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया है। मामले में राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह का कहना है कि तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा किया जाता है। वहीं अब तक 60 जिला वनोपज सहकारी यूनियन और 1066 प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के माध्यम से तेंदूपत्ता संग्रहित किया जाता है।
आंकड़ों की बात करें तो मध्यप्रदेश में फिलहाल 4500000 तेंदूपत्ता संग्राहक है। इनमें से 50 से सबसे ज्यादा 23 लाख संग्राहक जनजाति वर्ग के हैं। वहीं 40 फीसद महिला संग्राहक भी मौजूद हैं। 2022 में तेंदूपत्ता संग्रहण की दर में भी वृद्धि की गई है। संग्रहण कार्य में शामिल तेंदूपत्ता संग्राहकों को 500 करोड़ रुपए का संग्रहण पारिश्रमिक भुगतान किया जाएगा। पिछले वर्ष की तुलना में यह ₹81 करोड़ रुपए बढ़ा है।
वही तेंदूपत्ता संग्राहक को के लाभांश की राशि को भी बढ़ाया गया। लाभांश के शुद्ध लाभ का 70 फीसद राशि पहले तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरित की जाती थी। अब शुद्ध लाभ के 75 फीसद सीधे तेंदूपत्ता संग्राहक को को वितरित किए जाने का निर्णय लिया गया है। सीएम शिवराज ने बड़ी घोषणा करते हुए राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहक को के लिए ढाई सौ प्रतिशत प्रति 100 गड्डी की जगह ₹300 प्रति 100 गड्डी दिए जाने की भी घोषणा की थी। साथ ही वन ग्रामों को राजस्व ग्राम में तब्दील करने की भी शुरुआत की जा रही है जिसका लाभ हितग्राहियों को मिलेगा।