भोपाल। विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी भितरघातियों की पड़ताल में जुट गई है| नतीजे आने के बाद इन पर कार्रवाई की गाज गिरेगी| भाजपा भितरघातियों पर कार्रवाई करने जा रही है। परिणाम से पहले हाईकमान को कई नेताओं और मंत्रियों की शिकायत मिली है, जिन्होंने पार्टी में रहकर या तो प्रत्याशी का समर्थन नहीं किया या फिर विरोधी गुट को फायदा पहुंचाया है। कांग्रेस की तरफ से जहां भोपाल, जबलपुर, पन्ना समेत कुछ विधानसभाओं में शिकायत की गई है वही भाजपा में करीब 60 सीटों पर शिकायत मिली है। खबर है कि नतीजों के बाद पार्टी इन पर एक्शन लेगी।
दरअसल, टिकट बंटवारे के दौरान प्रदेश में जमकर घमासान मचा। पार्टी द्वारा कईयों के टिकट काटे गए थे , जिसमें मंत्री-विधायक और सासंद शामिल थे। टिकट काटे जाने से पार्टी में बगावत का दौर शुरु हो गया था। कईयों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो कईयों ने पार्टी बदल ली और कईयों ने पार्टी में रहकर ही सेंध लगाने की कोशिश की। हैरानी की बात तो ये है कि मतदान के खत्म होने के बाद भी सियासत लगातार जारी है । नतीजों से पहले हाईकमान ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और प्रत्याशियों से वहां की रिपोर्ट मांगी है।
हाईकमान को दी गई रिपोर्ट में स्थानीय प्रत्याशियों ने बागियों और भितरघातियों की शिकायत की है। बीजेपी में श्योपुर, सुमावली, सुरखी, शहपुरा, विजयराघोगढ़, वारासिवनी, होशंगाबाद समेत करीब 60 सीटों पर इस तरह से असहयोग और भीतरघात की शिकायतें सामने आई हैं। इस रिपोर्ट में कई बड़े नेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं की शिकायत भी है।जिसमें नंद कुमार चौहान, अर्चना चिटनिस, सूर्यप्रकाश मीणा, कुसुम मेहदेले के नाम शामिल है। हाईकमान भी मतगणना के इंतज़ार में है, उम्मीद है बड़े फैसले उसके बाद लिए जाएंगे। हालांकि लिस्ट तैयार करवा ली गई है, अगर पार्टी इन भितघातियों के कारण हारती है तो सरकार बनते ही इन पर कार्रवाई की जाएगी। वही भितघातियों में भी डर है, कही सरकार बनके ही पार्टी उन्हें बाहर का रास्ता ना दिखा दे।