MP Election 2023 : चुनाव से पहले दलबदल का सिलसिला जारी, बीजेपी को एक और झटका, पूर्व सांसद समेत कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

Pooja Khodani
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MP Election 2023 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले दल बदल का सिलसिला तेजी से जारी है। कभी कांग्रेस बीजेपी के खेमें में सेंध लगा रही है तो कभी बीजेपी कांग्रेस के किले को भेद रही है। इसी कड़ी में आज बुधवार को एक बार फिर कांग्रेस ने महाकौशल में बीजेपी को बड़ा झटका दे दिया है। बालाघाट के बडे़ बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बोध सिंह भगत कांग्रेस में शामिल हो गए है।

पूर्व सांसद समेत कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का हाथ

पूर्व सांसद बोध सिंह भगत को आज बुधवार को पीसीसी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। इसके अलावा सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष शिव चौबे के भतीजे सुमित चौबे , बुधनी के जाट एवं भाजपा नेता राजेश पटेल , रीवा सरपंच संघ के अध्यक्ष दिलीप सिंह समेत कई सैकड़ों नेता समर्थकों ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।इस मौके पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, भगत मेरे साथ संसद में भी रहे हैं। मैं इनका स्वागत करता हूं। दिलीप सिंह, शराफातुल्लाह खान, सुमित चौबे, राजेश पटेल, आशु बघेल, भीम सिंह पटेल, चंद्रशेखर पटेल, शाहिद सहित लंबी लिस्ट है। आप सब कांग्रेस से जुड़ कांग्रेस का साथ दे रहे हैं।

शिवराज पर कमलनाथ का हमला, मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर

कमलनाथ ने आगे कहा कि प्रदेश की तस्वीर आप सबके सामने है भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं। शिवराज सिंह कहते हैं एक लाख लोगों को हर महीने रोजगार मिलेगा। मैं कहता हूं आप जो रिक्त पद हैं उनको ही भर दीजिए। अब यह सिस्टम बन गया कि पैसे दो और काम करो। पटवारी भर्ती में क्या हुआ। यह सब ने देखा है। किसानों को खाद बीज के लिए भटकना पड़ रहा है। शिवराज सिंह कहते हैं मैं इन्वेस्टर सबमिट करता हूं। सब बेकार की बातें हैं यह आज हमें दिख रहा है।पिछले चुनाव में राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक की बात की थी और अब सनातन की बात करने लगे हैं। मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं। । आप बेरोजगारी , महंगाई की बात कीजिए। ध्यान मोड़ने की कोशिश मत कीजिए। शिवराज सिंह मुंह बहुत चलाते हैं। मुंह चलाने में और सरकार चलाने में बहुत अंतर है।

पिछले एक महीने में कई नेता थाम चुके है कांग्रेस का दामन

बता दे कि  बालाघाट, ओबीसी बहुल जिला है और अधिकतर सीटों पर ओबीसी की भूमिका अहम मानी जाती है, ऐसे में भगत के कांग्रेस में शामिल होने को बड़ा झटका माना जा रहा है।  इससे पहले पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनुभा मुंजारे कांग्रेस की सदस्यता ले चुकी हैं। दोनों नेता अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं। हाल ही में होशंगाबाद से पूर्व विधायक पंडित गिरजाशंकर शर्मा भी बीजेपी छोड़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो थे।

शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वर्तमान विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के बड़े भाई हैं।इन नेताओं के पार्टी छोड़ने से भाजपा को नुकसान होना तय माना जा सकता हैं। इधर, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रमोद टंडन और पुराने कार्यकर्ता दिनेश मल्हार ने भी सोमवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, टंडन 23 सितंबर को इंदौर के गांधी भवन में कमल नाथ की मौजूदगी में फिर से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर सकते है

 

 


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