MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अब ‘लाड़ली बहना योजना’ को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने है। दरअसल सीएम शिवराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो चुपचाप महिलाओं के खाते में राशि डालने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस का इरादा लाड़ली बहना योजना बंद करने का है। अब कमलनाथ ने इस आरोप पर पलटवार किया है। उन्होने कहा है कि भाजपा के समर्थक एक अलग तरह के मनोवैज्ञानिक दबाव में है और इस बार सबसे बड़ा नुक़सान अपने ही समर्थकों से ही होगा।
कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना
कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “शिवराज जी, प्रदेश में लोकतंत्र का महायज्ञ शुरू हो चुका है और अब सबको जनता की कसौटी पर खरा उतरना है। लेकिन जनता के बीच जाने के बजाय आप “चोरी-चोरी, चुपके-चुपके” का खेल खेल रहे हैं। यह सच है कि मैंने आपके अभिनय की हमेशा तारीफ की है, लेकिन ओवर एक्टिंग को जनता पसंद नहीं करती। जिन योजनाओं को आपने कभी चालू ही नहीं किया, उन्हें बंद करने की क्या बात करना। डेढ़ महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी जो नारी सम्मान योजना लेकर आ रही है, जिसके अंतर्गत महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह और ₹500 में गैस सिलेंडर मिलना है। 100 यूनिट तक बिजली माफ और 200 यूनिट तक बिजली हाफ कीमत पर मिलनी है। बच्चों की पढ़ाई फ्री होनी है। सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलनी है। किसानों का कर्ज माफ होना है। यह सब काम बहुत हर्षोल्लास से हो सके इसलिए आपकी पार्टी ने आपको हाशिये पर डाल दिया है और मध्य प्रदेश की जनता भी आपको विपक्ष में बैठाकर कांग्रेस सरकार द्वारा किए जाने वाले कार्यों को देखने का पूरा मौका देने वाली है।”
“भाजपा के समर्थक मनोवैज्ञानिक दबाव में”
प्रदेश कांग्रस अध्यक्ष ने कहा कि “भाजपा के समर्थक एक अलग तरह के मनोवैज्ञानिक दबाव में हैं। हर पाँच में से जब चार लोग कांग्रेस के आने की बात कर रहे हैं तो वो अपने को अकेला महसूस कर रहे हैं। उनके पास भाजपा के ख़िलाफ़ पनप चुके अविश्वास को ख़त्म करने का कोई तर्क नहीं है। सच तो ये है कि महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी से वो भी बेहद त्रस्त हैं, लेकिन फिर भी चुप हैं क्योंकि पहले वो भाजपा के पक्ष में इतना बोल चुके हैं कि अब सोचते हैं कि किस मुँह से भाजपा का विरोध करें। ये हताशा उन्हें निष्क्रिय बना चुकी है, जिसका उदाहरण है भाजपा की सूनी सभाएं, रैलियां और यात्राएं। इस बार के चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा नुक़सान अपने ही समर्थकों से होने जा रहा है क्योंकि अब उन समर्थकों में भाजपा के कुकृत्यों के लिए न तो ढाल बनने का साहस है, न घर से बाहर निकलकर वोट डालने और दूसरों को घर से निकालकर वोट डलवाने का।”
“वो देश-प्रदेश में भाजपा की अलोकतांत्रिक छवि, झूठे राष्ट्रवाद, लूट-खसोट से बनायी जा रही सरकारों, भ्रष्ट लोगों के आत्मसातीकरण, सीधी कांड, महिला विरोधी कांडों, दलितों और आदिवासियों के साथ ही अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न, युवाओं व खिलाड़ियों से टकराव, मणिपुर की बेटियों के साथ हुए ऐतिहासिक दुर्व्यवहार व नाइंसाफ़ी जैसे अनगिनत सवालों पर अब जवाब नहीं दे पा रहे हैं। धीरे-धीरे उन्हें लगने लगा है कि भाजपा विरोधी देश की अधिकांश जनता ही सही है। वो अब कुतर्क नहीं कर रहे हैं। भाजपा के समर्थकों के गले से पार्टी का पट्टा वैसे ही उतर गया है, जैसे जनता की नज़र से भाजपा।” कांग्रेस लगातार बीजेपी पर महिला अत्याचार को लेकर हमलावर है। वो कहती आई है कि सीएम शिवराज ने मध्य प्रदेश को महिला उत्पीड़न में नंबर वन बना दिया है। उन्होने कहा कि इस बार बीजेपी को उसके समर्थकों के ही भारी नुकसान होने जा रहा है क्योंकि वो भी उससे त्रस्त हो चुके हैं।
शिवराज जी,
प्रदेश में लोकतंत्र का महायज्ञ शुरू हो चुका है और अब सबको जनता की कसौटी पर खरा उतरना है। लेकिन जनता के बीच जाने के बजाय आप "चोरी-चोरी, चुपके-चुपके" का खेल खेल रहे हैं।
यह सच है कि मैंने आपके अभिनय की हमेशा तारीफ की है, लेकिन ओवर एक्टिंग को जनता पसंद नहीं करती। जिन…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 14, 2023
भाजपा के समर्थक एक अलग तरह के मनोवैज्ञानिक दबाव में हैं।
हर पाँच में से जब चार लोग कांग्रेस के आने की बात कर रहे हैं तो वो अपने को अकेला महसूस कर रहे हैं। उनके पास भाजपा के ख़िलाफ़ पनप चुके अविश्वास को ख़त्म करने का कोई तर्क नहीं है। सच तो ये है कि महंगाई, भ्रष्टाचार और…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 14, 2023