भोपाल| मध्य प्रदेश में चौथी बार सरकार बनाने की तैयारी में जुटी भाजपा के लिए राह आसान नहीं है| अपनों की नराजगी और कई सीटों पर खराब स्तिथि को लेकर पार्टी चिंता में है| अंतिम समय में बिगड़ी स्तिथि को सँभालने के लिए रणनीति बनाई गई है| चुनाव प्रचार में व्यस्त चल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर रात पार्टी पदाधिकारियों और संगठन नेताओं से मुलाकात की और अंतिम समय के लिए रणनीति तैयार की| इस दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे और संगठन महामंत्री रामलाल, संगठन मंत्री सुहास भगत सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
बताया जा रहा है संघ के फीडबैक के बाद जिन सीटों पर हालत पतली है वहाँ के लिए रणनीति तैयार की गई है| साथ ही अंतिम समय में भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे अपने नेताओं को बिठाने की कोशिश की जायेगी, इसको लेकर एक बार फिर अंतिम प्रयास किये जाएंगे| इसमें दमोह और पथरिया से चुनाव लड़ रहे रामकृष्ण कुसमरिया से एक बार फिर से बात करने पर सहमति बनी है। साथ ही प्रदेश की सीमाओं से लगे अन्य राज्यों से नेताओं को बुलाकर सीमा क्षेत्रों के इलाकों में मैदान में उतारा जाने की चर्चा हुई| भाजपा नेता चाहते हैं कि इन दूसरे प्रदेश से आए कार्यकर्ताओं के सहारे प्रदेश में जातिगत मतदाताओं को साधने काफी मदद मिल सकती है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के नेता मैदान में उतर गए हैं|