भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।एक तरफ मध्य प्रदेश (MP News) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने होली से पहले बड़ा तोहफा देते हुए कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत (Dearness Allowance) कर दिया गया है और अप्रैल 2022 से इसका लाभ भी मिलना शुरू हो जाएगा, वही दूसरी तरफ पेंशन-प्रमोशन और वेतनमान समेत कई मांगों को लेकर अभी भी कर्मचारियों वर्ग, श्रमिक और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है और वे सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है।धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी-श्रमिक नेताओं ने तो सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द मांगें पूरी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन करेंगे।
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भारतीय मजदूर संघ के बैनरतले हो रहे धरना प्रदर्शन के माध्यम से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, जून 2018 में इनके लिए बनाए गए नियम लागू करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने जैसी आशा कार्यकर्ताओं का न्यूनतम वेतन हर महीने 10 हजार रुपए जैसी कई मांगी रखी गई है।वही कर्मचारी-श्रमिक नेताओं ने तो सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द मांगे पूरी नहीं की गई तो वे प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेंगे।वही पुरानी पेंशन बहाल करने, मनरेगा में मजदूरी के दिन बढ़ाने आदि मांगे भी शामिल है।
राजस्थान के बाद एमपी में भी पुरानी पेंशन बहाली (Old Pension Scheme) की मांग जोरों पर है। प्रदेशभर में पुरानी पेंशन बहाली और पदोन्नति सहित अन्य मांगो को लेकर कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा खोला हुआ है। हाल ही में 60 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश भर में कलेक्टरों को सीएम के नाम ज्ञापन सौपा था और कहा था कि बजट सत्र में निर्णय नहीं हुआ तो कर्मचारी संगठन आन्दोलन करेंगे।इससे पहले बताया गया था कि कर्मचारी 13 मार्च को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं और मांग है कि 1 जनवरी 2005 और इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो।
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आज प्रदेशभर की आशा, उषा कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी भी सड़कों पर उतर आई है और आर-पार की लड़ाई के मूड में है। उनकी मांग है कि आशा कार्यकर्ताओं को ₹10000 महीने और आशा सहयोगिनी को ₹15000 वेतन दिया जाए।आज विधानसभा शुरू होने के पहले दिन प्रदेश भर से करीब 5000 आशा कार्यकर्ता एवं आशा सहयोगिनी भोपाल आकर प्रदर्शन करेगी ।वर्तमान में प्रदेश में 84000 आशा कार्यकर्ता हैं, जिन्हें काम के अनुरूप हर माह 2000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है, इसमें लक्ष्य से ज्यादा काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को इससे ज्यादा राशि प्रोत्साहन पैकेज के तौर पर मिलती है।
अलग अलग वर्ग की ये है प्रमुख मांगे
- सभी विभागों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति की जाए और वेतन से की जा रही वृत्तिकर की कटौती बंद की जाए।
- निगम/मंडलों में कार्यरत कर्मचारियों को 7th Pay Commsission की बकाया राशि (Arrear) का भुगतान किया जाए।
- अंशकालीन कर्मचारियों को प्रतिमाह न्यूनतम 10 हजार रुपए का भुगतान किया जाए।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। उनके बकाया मानदेय और एरियर का भुगतान हो।
- नई पेंशन योजना 2004 के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए।ग्राम पंचायतों में कार्यरत रोजगार सहायकों को नियमित किया जाए।
- सभी विभाग, निगम, मंडल और कंपनी के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। उन्हें 90% वेतन भी दें।
- मंडी हम्माल और तुलावटियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए।मनरेगा मजदूरों के काम के दिन 100 से बढ़ाकर 250 किए जाए।
- मध्याह्न भोजन में संलग्न रसोइयों को न्यूनतम 10 हजार रुपए का पारिश्रमिक प्रतिमाह दिया जाए।
- अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण कर नियुक्ति पदों पर नियुक्तियां दी जाए। जिन्हें संविदा आधार पर नियुक्तियां दी गई है, उन्हें नियमित किया जाए।
- सभी विभागों में कार्यरत संविदा, अस्थाई, योजनाकर्मी आदि श्रेणी के सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 25 हजार रुपए दिया जाए।
- प्रदेश के 10226 उप स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त पदों पर फार्मासिस्टों की पदस्थापना की जाए। फार्मासिस्टों का ग्रेड पे 2400 के स्थान पर 2800 किया जाए।
- विभाग, निगम एवं मंडल में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मियों एवं मस्टर श्रमिकों (25 दिवसीय कर्मचारियों) को विनियमित किया जाए।विद्युत विभाग के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। कंपनियों का नया संरचनात्मक ढांचा बनाकर नियमित पदों पर भर्तियां की जाए।
- अपेक्स बैंककर्मियों को पूर्वानुसार बोनस का भुगतान किया जाए। जिला सहकारी बैंकों में कार्यरत 630 लिपिक सह-कम्प्यूटर ऑपरेटरों को नियमित कार्य पर रखा जाए।
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों का कंपनियों में संविलियन किया जाकर सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।