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Sun, Dec 21, 2025

MP में 71 करोड़ के आबकारी घोटाले में ED की रेड, इंदौर भोपाल और जबलपुर में 18 टीम ने अधिकारियों और ठेकेदारों के ठिकाने पर मारा छापा

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
मध्यप्रदेश में 71 करोड़ रुपये के आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने आज सुबह बड़ी छापामार कार्रवाई की है। ये घोटाला शराब कारोबारियों और आबकारी अधिकारियों के गठजोड़ से हुआ था जिसमें फर्जी चालानों के जरिए शराब की बिक्री की गई।
MP में 71 करोड़ के आबकारी घोटाले में ED की रेड, इंदौर भोपाल और जबलपुर में 18 टीम ने अधिकारियों और ठेकेदारों के ठिकाने पर मारा छापा

ED Raid in MP Liquor Scam : मध्यप्रदेश में 71 करोड़ रुपये के आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज सुबह बड़ी कार्रवाई की। ED की 18 टीमों ने इंदौर, भोपाल और जबलपुर में आबकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले की राशि 72 से 100 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है।

यह घोटाला शराब कारोबारियों और आबकारी अधिकारियों के गठजोड़ से फर्जी चालानों के जरिए किया गया। शिकायतकर्ता राजेंद्र गुप्ता ने ईडू को साक्ष्य और बयान दिए। 6 मई को ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की और आबकारी आयुक्त से 5 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। हालांकि भेजी गई जानकारी को ED ने अधूरी बताकर दोबारा पूरी जानकारी मांगी।

क्या है मामला

जांच में सामने आया कि शराब कारोबारियों ने बैंक में मात्र 10 हजार रुपये जमा कराए और षड्यंत्रपूर्वक चालानों में इसे 10 लाख रुपये दिखाकर वेयरहाउस से देसी व विदेशी शराब उठा ली। इस गड़बड़ी से कारोबारियों को भारी मुनाफा हुआ, जबकि सरकार को 1% इनकम टैक्स और 8% परिवहन शुल्क का करीब 97.97 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। कुल 194 फर्जी चालानों के जरिए यह घोटाला अंजाम दिया गया। आबकारी आयुक्त की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे बड़ी गड़बड़ी 2015 से 2018 के बीच इंदौर जिले में हुई। जांच में सामने आया कि इंदौर में कूटरचित चालानों के जरिए शासन को 42 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।

ED की रेड

इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि इस घोटाले में आबकारी अधिकारियों की ठेकेदारों के साथ संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, सरकार ने आईएएस स्नेहलता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक विभागीय जांच समिति भी बनाई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी। अब इस मामले में आज ED की टीम ने इंदौर के साथ-साथ भोपाल और जबलपुर में भी आरोपियों के ठिकानों पर रेड की है।