MP News: राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, विभाग का नया प्रस्ताव तैयार, इन नियमों में होगा संशोधन, कैबिनेट में आएगा, मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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MP Compassionate Appointment: सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। अनुकंपा नियुक्ति पर ताजा अपडेट आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन करने जा रही है, जिसके बाद विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सकेगा। खबर है कि इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक नया प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिसे जल्द कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। यहां से मंजूी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

अबतक है ये नियम

दरअसल, वर्तमान में मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारी के सेवा में रहने के दौरान निधन होने पर आश्रित पति, पत्नी के अलावा पुत्र या अविवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रविधान है।  विवाहित पुत्री को इसका अधिकार नहीं है, भले ही परिवार में विवाहित पुत्री हो और स्वजन आम सहमति से उसे नामांकित करना चाहते हो। हालांकि जिस दिवंगत कर्मचारी की संतान केवल पुत्री या पुत्रियां हों और वह विवाहित हो तो आश्रित पति, पत्नी द्वारा नामांकित विवाहित पुत्री को आश्रित पति या पत्नी के जीवित होने पर ही अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता है।

कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

इसके लिए नियुक्ति पाने वाली पुत्री को शपथ पत्र देना होता है कि वह आश्रित पति या पत्नी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी, अब यही प्रावधान राज्य सरकार सभी के लिए करने जा रही है, ताकी विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सके। इसके लिए अब अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन किया जाएगा, जिसका नया प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार कर लिया है, जिसे अगली कैबिनेट में रखा जाएगा।

पहले भी हो चुका है संशोधन

बता दे कि यह पहला मौका नहीं है जब अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में संशोधन किया जा रहा है।इससे पहले भी शिक्षकों को लाभ देने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियम में संशोधन किए गए थे। बीते दिनों शिवराज सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति नियम में संशोधन करके संविदा शाला शिक्षक के स्थान पर प्राथमिक व प्रयोगशाला शिक्षक को शामिल किया था, इससे प्राथमिक व प्रयोगशाला शिक्षक के स्वजन को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता होगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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