भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के छात्रों (MP Students) को अब तकनीकी शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा। दरअसल उनके भविष्य को तकनीकों से जोड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence), मशीन लर्निंग (machine learning) और इलेक्ट्रिकल विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जाएगा। प्रदेश के युवाओं को कौशल उन्नयन आवश्यक है। इसके लिए सीएम शिवराज (cm shivraj) ने कृष की बैठक में बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा कि भविष्य की तकनीकों से बच्चों को अवगत कराने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग की सुविधा दी जाएगी। साथ ही युवकों को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भविष्य की तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial intelligence), मशीन लर्निंग (machine learning) और इलेक्ट्रिकल व्हीकल (electrical vehicle) के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं का कौशल उन्नयन आवश्यक है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर जारी विकास और निर्माण कार्यों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में मेसन, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, सोलर पंप टेक्नीशियन आदि की आवश्यकता है। ग्रामीण युवाओं को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना जरूरी है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफार्मेंस (क्रिस्प) इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करे। यह गतिविधियाँ प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित करने और आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में सहायक हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफार्मेंस (क्रिस्प) की साधारण सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में निवास कार्यालय पर हुई बैठक में खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, आरजीपीवी के कुलपति सुनील गुप्ता तथा क्रिस्प के प्रबंध निदेशक डॉ. श्रीकांत पाटिल उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवाओं के प्रशिक्षण के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ टाईअप किया जा रहा है। साथ ही इलेक्ट्रिकल व्हीकल के क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए वॉल्वो कम्पनी के साथ मिलकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में प्रदेश के रोजगार चाहने वाले छात्रों को कौशल विकास केन्द्रों से 3 से 6 माह का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। प्रतिवर्ष 4 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है।
क्रिस्प संस्था प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को स्व-रोजगार प्रदान करने के लिए ग्रामीण उद्यमी कार्यक्रम प्रारंभ करेगी। इसमें 22 हजार 800 पंचायतों में चार-चार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण मेसन, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, ऑटो सर्विस, सोलर पंप टेक्नीशियन की क्षमता विकास करने पर केंद्रित होगा। प्रदेश में 91 हजार 200 ग्रामीण उद्यमी तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुशल मानव संसाधन तैयार करने के लिए मौजूदा प्रयोगशालाओं, उपकरणों और सुविधाओं को अपग्रेड करने की सहमति प्रदान की। साथ ही श्रम विभाग के आई.टी.आई. को मुम्बई स्थित ‘एल एण्ड टी’ की स्किल ट्रेनर्स अकादमी के स्तर के अनुरूप विकसित करने पर सहमति प्रदान की गई। साधारण सभा की बैठक में ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और बैतूल में सैटेलाइट सेंटर प्रारंभ करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रामीण उद्यमियों के प्रशिक्षण के लिए सैटेलाइट सेंटर उपयोगी हैं। प्रारंभिक रूप से दो जिलों में मॉडल केन्द्र के रूप में सैटेलाइट सेंटर विकसित किए जाएँ। इसके बाद गतिविधि का विस्तार किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि क्रिस्प संस्था सतत विकास लक्ष्य में गुणवत्ता शिक्षा, आर्थिक विकास तथा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में लोकल फॉर वोकल और स्किल इंडिया मिशन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग, आजीविका, कौशल विकास और उद्यमिता विकास तथा रोजगार सृजन के क्षेत्र में कार्य कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली विद्यार्थियों को वोकेशनल ट्रेनिंग उपलब्ध कराने संबंधी गतिविधियों की जानकारी भी दी गई।