जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। अनुकंपा नियुक्ति (compassionate appointment) को लेकर हाईकोर्ट (Highcourt) अब सख्त हो गई है। दरअसल इस मामले में पंचायत विभाग (panchayat department) के सचिव सहित तीन को अवमानना नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं जबलपुर हाई कोर्ट ने 3 साल पहले आदेश जारी किए थे। बावजूद इसके अनुकंपा नियुक्ति पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया।
जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) के डायरेक्टर, CEO सहित 3 को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। दरअसल इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। इसमें अधिवक्ता सुशील मिश्रा और राम जी चौबे ने हनुमान जी दीक्षित की ओर से पक्ष रखा। जहां दलील में उन्होंने कहा कि उमेश दीक्षित ग्राम पंचायत बरेली के सचिव पद पर कार्यरत थे।
मई 2018 में उनकी मृत्यु के बाद सभी अधिकारियों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया गया था। बावजूद इसके अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में 26 जुलाई 2019 को विभाग ने 3 महीने के अंदर आवेदन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए थे।
वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद आदेश की अवहेलना की गई और 3 साल तक अनुकंपा नियुक्ति पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसके बाद अवमानना याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के डायरेक्टर, सीईओ जिला पंचायत कटनी जगदीश चंद्र गोमे और सीईओ जनपद पंचायत धीमरखेड़ा विनोद पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।