भोपाल।
कोरोना संकट के बीच सोमवार को कॉलेज स्टूडेंट के लिए राहत की खबर आई। जहाँ प्रदेश सरकार ने बिना परीक्षा लिए उन्हें अगली क्लास में प्रवेश देने का फैसला लिया। इसके लिए कॉलेज में उनके पिछले परफाॅर्मेंस को आधार बनाया जाएगा। इसी बीच सरकार की इस घोषणा में मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी को सम्मिलित नहीं किया गया है। मध्य प्रदेश के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएट अध्ययनरत चिकित्सकों की परीक्षाएं 1 जुलाई से होने जा रही है। जिसपर मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक डॉक्टर आर. एस. जाट. ने सीएम शिवराज से इस विषय पर संज्ञान लेने की मांग की है। साथ ही उन्होंने मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी एग्जाम लेने के स्थान पर जनरल प्रमोशन देने की बात कही है।
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा में मध्य प्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी को सम्मिलित नहीं किया गया। उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएट अध्ययनरत चिकित्सकों की परीक्षाएं 1 जुलाई से होने जा रही है। यह सभी चिकित्सक कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी पर हैं । इनके परीक्षा में भाग लेने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। क्योंकि इनमें से ज्यादातर चिकित्सक वायरस से एक्सपोज हो चुके हैं। इनमें से कई पॉजिटिव भी आ चुके हैं ।और कई बिना लक्षणों वाले केरियर भी हैं। इनकी भी एग्जाम लेने के स्थान पर जनरल प्रमोशन देना चाहिए।
बता दें कि कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच कॉलेज के विद्यार्थियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सोमवार को बड़ा फैसला लेते हुए एमपी के यूनिवर्सिटी के बच्चों को भी जनरल प्रमोशन की घोषणा की है। अब स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए उनके गत वर्ष/सेमेस्टर के अंकों/आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा/सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा। छात्रों द्वारा जनरल प्रमोशन की लगातार मांग की जा रही थी। जिसके बाद अब मेडिकलकॉलेज से भी जनरल प्रमोशन की मांग की जा रही है।