भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) ने जिला सहकारी बैंकों (District Co-operative Banks) के प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही एक बार फिर से प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों की कमान अध्यक्ष को सौंप दी गई है। वहीं बैंकों में पूर्व की व्यवस्था बहाल होगी। इसके साथ ही साथ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद संतोष मीणा को भोपाल, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष का कार्यभार सौंप दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले 14 फरवरी 2019 को कमलनाथ सरकार (kamalnath government) द्वारा प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी। जिसके बाद इस मामले में विरोध देखने को मिल रहा था।वही को ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष और सदस्य द्वारा इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई थी। उन्हें 3 साल तक चले लंबे केस की सुनवाई के बाद आखिरकार उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है।
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सहकारी बैंक के संचालन मंडल का कार्यकाल खत्म होने के बाद चुनाव नहीं हुए हैं। लगातार 6-6 महीने के लिए एक ही प्रशासक के कार्यकाल को बढ़ाया जा रहा है। वही 38 जिला सहकारी बैंकों में 37 प्रशासक पद पर प्रशासकों की नियुक्ति है। इन प्रशासकों को पदस्थ हुए 4 साल से अधिक का समय बीत चुका है। इस मामले में सरकार द्वारा बीच का रास्ता निकाला गया है। जहां उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया कि सरकार चाहे तो समितियों में नई नियुक्ति कर सकती है। जिसके बाद जिसके बाद सरकार सहकारी बैंकों को लेकर सतर्क हो गई है। इस मामले में सरकारी जल्द कोई बड़ा निर्णय भी ले सकती है।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश में पिछले 10 सालों से प्राथमिक सहकारी संस्था में चुनाव नहीं हुए है। जिसे सहकारी संस्थाओं के स्थिति में लगातार गिरावट देखी जा रही है। सिर्फ सहकारी संस्था में जुड़े हुए प्रतिनिधियों का ना होना सहकारी संस्थाओं के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। इसके साथ ही लगभग डेढ़ वर्ष से चुनाव अधिकारी के पद को भी खाली रखा गया है।