भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के कई जिलों में भ्रष्टाचार अधिकारी कर्मचारियों (corruption officer-employees) पर निलंबन (suspend)की कार्रवाई की गई है। दरअसल पहली कार्रवाई अशोकनगर जिले ईसागढ़ इलाके में की गई। जहां ग्राम पंचायत पारसोल के ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है। जिसके बाद कलेक्टर उमा माहेश्वरी ने ग्राम पंचायत के प्रधान उमा देवी यादव को पद से अलग कर दिया है। साथ ही प्रधान के सचिव चंपालाल को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक दो निर्माण कार्य की राशि 7 लाख 23 हजार रूपए बिना कार्य कराए ही निकाल लिए गए थे। इस मामले में कलेक्टर द्वारा कार्रवाई की गई है। वहीं Panchayat CEO सचिव चंपालाल को निलंबित किया है। इतना ही नहीं काम का मूल्यांकन करने वाले दो सब इंजीनियर को नोटिस जारी किया गया है।
इस मामले में जानकारी के मुताबिक सागर की ग्राम पंचायत में नाली का निर्माण नहीं किया गया। इसके अलावा भी पुलिया के निर्माण में कोताही बरती गई है जबकि ग्राम पंचायत ने इसके लिए राशि का आहरण कर लिया है। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच में इस खबर की सत्यता पाए जाने के बाद भारी वित्तीय अनियमितता देखने को मिली।
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वहीं जांच में उप यंत्रियों की भूमिका को भी संदेह के दायरे में रखा गया। जिसके बाद कलेक्टर और उमा महेश्वरी ने जनपद पंचायत सागर के उपयंत्री राजकुमार साहब के और भानु प्रताप बोकोलिया को नोटिस जारी कर दिया है। इन दोनों को 21 फरवरी को दोपहर 2:00 बजे तक प्रस्तुत करने होंगे।
वही अन्य मामले में ईसागढ़ के बाय बेनीग्राम पंचायत में भी बिना कार्य के बिना राशि आहरण करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद कलेक्टर तक रिपोर्ट पहुंच गई। वहीं जांच के आदेश दे दिए गए हैं। माना जा रहा है कि ग्राम पंचायत में भी मनरेगा की मजदूरी भुगतान के मामले में कार्रवाई की जा सकती है।
वहीं अन्य मामले राजगढ़ जिले से आए हैं। जहां राज्य शासन के विवाह सहायता योजना के नाम पर फर्जी तरीके से 51-51 हजार रुपए देने के मामले में अंततः नोडल अधिकारी और लिपिक को कलेक्टर हर्ष दीक्षित द्वारा निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा तत्कालीन जनपद सीईओ के निलंबन की अनुशंसा का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया गया। इस मामले में जल्द ही राज्य शासन द्वारा सीईओ पर निलंबन की कार्रवाई की जा सकती है।
वहीं एक अन्य मामले में शिवपुरी जिले के सरस्वती विद्यापीठ परीक्षा केंद्र पर शुक्रवार को भारी अनियमितता देखने को मिली जहां लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ डीईओ संजय श्रीवास्तव ने बड़ी कार्रवाई कर दी है। दरअसल डीयू श्रीवास्तव द्वारा माध्यमिक शिक्षक आमिर मोहम्मद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही सहायक केंद्र अध्यक्ष को 5 दिन के अंदर जवाब पेश करने के लिए नोटिस जारी किया गया।
मामला शुक्रवार का है। जहां सरस्वती विद्यापीठ परीक्षा केंद्र पर दसवीं की हिंदी के प्रश्न पत्र हल करने की जगह छात्रों द्वारा उत्तर पुस्तिका की जगह प्रश्नपत्र टेबल पर आकर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद उनके बारे में ड्यूटी दे रहे हैं। माध्यमिक शिक्षक ने कॉपी कलेक्ट की तो टेबल पर उत्तर पुस्तिका नहीं मिली। इसके बाद आनन-फानन में छात्रों को ढूंढा गया और 1 घंटे के बाद उससे कॉपी बरामद की गई। हालांकि शिक्षक इस लापरवाही पर अब डीईओ ने उन पर निलंबन की कार्रवाई की है करती। इसके साथ ही सीएस और एसीएस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।