भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी तारतम्य मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के कलेक्टर रोहित सिंह द्वारा कई क्षेत्रों का दौरा किया गया। इस दौरान स्कूलों की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर ग्रामीणों द्वारा की गई। शिकायत को मध्य नजर रखते हुए कलेक्टर ने BRC और प्रधान पाठक को निलंबित (MP Suspended) करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत डीपीसी को नोटिस देने का निर्देश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक दौरे पर कलेक्टर द्वारा नागवारा के शासकीय प्राथमिक स्कूल में तीसरी कक्षा के बच्चे को स्कूली ड्रेस उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी जताई है। इसके अलावा कलेक्टर ने BRC उमाशंकर छिरा को निलंबित करने डीपीसी को नोटिस जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं। इसके अलावा कलेक्टर द्वारा पेयजल समस्या को दुरुस्त करने मोहल्ले में विद्युत समस्या सड़क पर पानी के भरा होने पर पानी की निकासी की समस्याओं के निराकरण के निर्देश दिए हैं।
वही बार-बार नोटिस देने के बाद ही प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के लिए अनिवार्य ग्रामीण सेवा बोंड की शर्त ना मानने की वजह से 1106 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं 10 दिन के अंदर इन से जवाब मांगा गया है। जवाब नहीं देने की स्थिति में इनके पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
अनिवार्य ग्रामीण सेवा बंद पत्र के अनुसार मेडिकल छात्रों को एक 1 साल के लिए शासन द्वारा तय की गई। जगह पर सेवा देना होता है। इसके साथ ही काउंसिल की सख्ती के बाद सेवा नहीं देने वाले डॉक्टर ने ₹75 करोड़ रुपए की राशि बॉन्ड के रूप में जमा करा दिए हैं।
बता दे कि 1 साल तक सेवा नहीं देने की एवज में मेडिकल छात्रों को 5,00,000 और पीजी वाले को ₹10,00,000 जमा करने की सर्च दी गई थी। इसी वर्ष 2002 से 18 तक के बीच के कई सरकारी कॉलेजों के 3000 डॉक्टर द्वारा ना बॉन्ड की राशि जमा की गई थी। ना ही सेवा दी गई थी। जिसके बाद राज्य शासन द्वारा शुरू की गई थी।