MP News : मध्य प्रदेश में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने पर 18 आउटसोर्स मीटर वाचकों की सेवाएं समाप्त कर दी है, वही 127 कर्मियों का वेतन काट दिया है। इसके अलावा 78 मीटर वाचकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते चेतावनी जारी की गई है।साथ ही मीटर रीडरों पर निगरानी रखने एवं सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए है।
18 की सेवा समाप्त, 127 का वेतन काटा
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने नवंबर माह में उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से कंपनी कार्यक्षेत्र में कार्यरत 18 मीटर वाचकों को ड्यूटी से पृथक करने के साथ ही 127 मीटर वाचकों का वेतन काटा गया है। इसी प्रकार 78 मीटर वाचकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते चेतावनी जारी की गई है। कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत भोपाल में 6, ग्वालियर में 5, भिण्ड, अशोक नगर, नर्मदापुरम, दतिया, शिवपुरी, बैतुल एवं राजगढ़ में 1-1 आउटसोर्स मीटर वाचक को आदेशों की अव्हेलना और मीटर वाचन में गड़बड़ी के आरोप में सेवा से पृथक कर दिया गया है।
कर्मचारियों-अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं के परिसर पर एक्युरेसी (शुद्धता) के साथ मीटर वाचन होना चाहिए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मीटर वाचकों के कार्य पर निष्ठा एप के द्वारा निगरानी रखी जाए और जो मीटर वाचक कर्तव्य पालन में लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें सेवा से पृथक किया जाए।
फोटो मीटर रीडिंग निष्ठा एप
प्रबंध संचालक ने कहा कि उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि है। उपभोक्ताओं को कंपनी बेहतर से बेहतर सेवाएं देने के लिए कृत संकल्पित है और इसी दिशा में काम किया जा रहा है। जब उनके परिसर की मीटर रीडिंग होती है तो वे मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें ताकि सही देयक मिल सके। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का प्रयास हैं कि बिलिंग संबंधी शिकायतों को शून्य लेवल पर लाया जाए।
कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कहा है कि फोटो मीटर रीडिंग निष्ठा एप के माध्यम से की जा रही है।फोटो मीटर रीडिंग ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है और मीटर वाचन में अंकित वाचन की फोटो खींचकर सिस्टम में अपलोड की जाती है। मीटर वाचकों पर कड़ी निगरानी और लापरवाही बरतने वाले मीटर वाचकों को सेवा से मुक्त किये जाने की कार्यवाही के कारण उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। कुछ शहरों में QR कोड लगाने के कारण भी फायदा मिला है एवं इससे मीटर वाचन की प्रक्रिया जल्दी संपादित हो रही है।