भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि रोजगार (employment) से संबंध रखने वाले विभाग 31 मार्च 2022 तक के लक्ष्य निर्धारित कर कार्ययोजना तैयार करें। इसी तरह आगामी वर्ष का भी रोडमैप अभी से ही तैयार कर लिया जाए, जिससे प्रदेश में अधिकाधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार का क्षेत्र लोगों को उत्साह से भर देता है। वे मंत्रालय में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अंतर्गत रोजगार समूह की समीक्षा बैठक कर रहे थे।
सीएम शिवराज ने कहा- “नर्मदा के जल से विकास के संकल्प की अवधारणा पूरी करनी है”
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएं
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खनिज साधन, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, श्रम, वन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं को दिलाएं रोजगार
सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में विभिन्न गतिविधियों का संचालन बेहतर तरीके से किया जाना सुनिश्चित करें। प्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क सहित अन्य कौशल विकास एवं तकनीकी संस्थानों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जाए। स्टार्टअप एक्टिविटीज को बढ़ावा दिया जाए। रोजगार मेलों के माध्यम से अधिक से अधिक बेरोजगार युवाओं को लाभ पहुँचाना सुनिश्चित करें। इंदौर और भोपाल में आईटी पार्क विकसित करने एवं रोजगार से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों की समय-समय पर समीक्षा की जाए और दिक्कतों को दूर किया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का सृजन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाए।
रोजगार के लिए अधो-संरचनाएं समय पर पूर्ण करें
उन्होने कहा कि प्रदेश में 7 नए औद्योगिक पार्कों का विकास कार्य प्रारंभ किया गया है, जिन्हें समय पर पूरा कर प्रारंभ कराया जाए। विभिन्न प्रकार के क्लस्टर एवं इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए सभी प्रकार की बाधाएँ दूरी कर ली जाएं। रोजगार के मामले में परिणाम-मूलक कार्य होना चाहिए। रोजगार से संबंधित कार्यों में किसी भी प्रकार की देर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लोकप्रिय हो रहा है रूरल होम स्टे
सीएम ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मध्यप्रदेश में तीन विश्व धरोहर स्मारक हैं। अधो-संरचनात्मक विकास के कारण इन स्थानों के आसपास के ग्रामों की अर्थ-व्यवस्था में सकारात्मक परिर्वतन आया है। सिर्फ खजुराहो के आसपास ही ग्रामीण क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक रूरल होमस्टे का लाभ पर्यटकों द्वारा लिया जा रहा है। इसके अलावा स्थानीय कारीगरों के उत्पाद भी पर्यटकों द्वारा क्रय किए जा रहे हैं, जो आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के अतंर्गत निर्धारित प्राथमिकताओं के अनुसार उपयोगी कदम सिद्ध हो रहे हैं। पर्यटन से रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद योजना और मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के क्षेत्र में बेहतर रणनीति बनाई जाए।
बैठक में लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, खनिज साधन तथा श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला सहित संबंधित विभागों के अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने #AtmaNirbharMP के रोडमैप अंतर्गत गठित मंत्री समूह का रोजगार पर आधारित प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। pic.twitter.com/k00vcyad02
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) November 8, 2021