Demand to ban Kumar Vishwas : हिंदी के सुपरिचित कवि डॉ. कुमार विश्वास अपनी टिप्पणी के बाद विवादों में घिर चुके हैं। आरएसएस पर विवादित बयान देने के बाद अब मध्य प्रदेश में उनको बैन करने की मांग उठने लगी है। बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की है कि कवि कुमार विश्वास को प्रदेश के किसी भी सरकारी कार्यक्रम में आमंत्रित न किया जाए। उन्होने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले व्यक्ति को शासकीय आयोजनों में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
ये है मामला
बता दें कि सुप्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास अपने बयान के कारण विवादों में घिर गए हैं। ये बयान उन्होने उज्जैन में रामकथा के दौरान दिया और यहां वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह गए। कालिदास अकादमी परिसर में विक्रमोत्सव के तहत आयोजित रामकथा में कुमार विश्वास रामकथा सुना रहे थे और इसी दौरान उन्होने कहा कि ‘बजट से पहले बच्चे ने पूछा कि कैसा बजट आना चाहिए, मैंने कहा कि तुमने तो रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य का बजट आना चाहिए। तो वो बोला रामराज्य में कहां बजट होता था।’ इसके बाद उन्होने जो कहा उसपर अब बवाल हो रहा है। कुमार विश्वास ने कहा कि ‘समस्या यही है कि वामपंथी कुपढ़ है और आरएसएस वाले अनपढ़ हैं। इस देश में दो ही लोगों का झगड़ा चल रहा है। एक तो वामपंथी हैं जिन्होने पढ़ा सब है लेकिन गलत पढ़ा है और एक ये वाले (आरएसएस) वाले हैं जिन्होने पढ़ा ही नहीं है।’
सुरेंद्र शर्मा ने लिखा पत्र
इसे लेकर अब बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि ‘उज्जैन में विक्रम उत्सव के तहत चल रही रामकथा में कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं को अनपढ़ कह कर संबोधित किया है, माननीय महोदय यह उस राष्ट्रवादी विद्वत विचारधारा का अपमान है जिसका शुभारंभ 1925 में डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जो स्वयं एमबीबीएस डॉक्टर थे ने किया था। आज देश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश भक्ति त्याग तपस्या का प्रतीक है देश की करोड़ों कार्यकर्ता एक से बढ़कर एक गुणों से युक्त हैं माननीय आप स्वयं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक हैं और दर्शनशास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट हैं कुमार विश्वास जैसे व्यक्ति को बताने के लिए इतना ही पर्याप्त है। कुमार विश्वास ने धृष्टता की पराकाष्ठा करते हुए आप जैसे सभी कार्यकर्ताओं का अपमान किया है। मेरा आपसे आग्रह है की कुमार विश्वास को भविष्य में किसी भी शासकीय कार्यक्रम में ना बुलाया जाए एवं उज्जैन में जो कार्यक्रम चल रहा है उस पर रोक लगाई जाये।’ उन्होने इस पत्र की प्रतिलिपि महामहिम राज्यपाल, उच्च शिक्षा मंत्री और संस्कृति मंत्री को भी भेजी है।