MP News : Bird Flu को लेकर गृह विभाग ने भेजी कलेक्टरों को गाइडलाइन, कहा-सख्ती से हो पालन

Gaurav Sharma
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बर्ड फ्लू

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोनावायरस के बाद पूरे देश में बर्ड फ्लू (Bird flu) नामक वायरस तेजी से फैलती जा रही है। जिसे लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के गृह विभाग (Home Department of Madhya Pradesh) ने सभी जिलों के कलेक्टरों को बर्ड फ्लू (Bird flu) को लेकर गाइडलाइन (Bird flu Guideline) प्रेषित की है। ताकि वह अपने-अपने क्षेत्रों के लोगों को इससे जागरूक और सतर्क कर सके।

गृह मंत्रालय ने केंद्र सरकार की जारी की गाइडलाइन

मध्यप्रदेश गृह मंत्रालय (MP home Ministry) द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित क्षेत्र के आस-पास वाहनों के आवागमन पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस की मदद आवश्यक रूप से ले। साथ ही नोटिफाइड किए गए क्षेत्रों में संक्रमित पोल्ट्री (Infected poultry) को खत्म करने की कार्रवाई स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाए।

नोटिफाइड एरिया में अंडे व मुर्गे-मुर्गियों की बिक्री पर रोक

लगातार मिल रही बर्ड फ्लू (Bird flu) की शिकायत के बाद कई एरिया को नोटिफाइड (Notified Area) किया गया है। जहां अंडे व मुर्गे-मुर्गियों की बिक्री (Sale of chickens) को रोकने का भी आदेश दिया गया है। इसके साथ ही इन एरिया में राज्य सरकार ने कहा कि केंद्र के द्वारा जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाए। जिससे लोगों को इस बीमारी से दूर रखा जा सकेगा।

कौओं के सैंपल में मिला एवियन इन्फ्लूएंजा

इस दौरान गृह विभाग (Home department) ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान ने यह भी अवगत कराया कि प्रदेश के इंदौर, मंदसौर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, गुना और आगर-मालवा जिलों में कौओं का सैंपल लिया गया था। जिनके रिपोर्ट में एवियन इन्फ्लूएंजा (avian influenza) यानी बर्ड फ्लू पाया गया है। इन्हीं बातों के मद्देनजर पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने कहा कि सभी क्षेत्रों में विशेष तौर पर निगरानी रखने की आवश्यकता है।

145 पेज का गाइडलाइन जारी

कोरोना महामारी के बाद अब बर्ड फ्लू (Bird flu) के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी की है, जो 145 पेज की है। मध्य प्रदेश गृह विभाग ने 145 पेज की गाइडलाइन को सभी जिलों के कलेक्टरों को भेज दी है। इसके साथ ही कहा है कि केंद्र की गाइडलाइन का पालन निश्चित तौर पर कराया जाए। जिससे लोगों को बर्ड फ्लू से बचाया जा सके।

मृत पक्षियों को दो मीटर के गड्ढे में दफनाएं

कई इलाकों में बर्ड फ्लू के चलते कई पक्षियों की मौत हो रही है। जिसे लेकर सरकार ने कहा कि इन मृत पक्षियों को 2 मीटर के गड्ढे बनाकर उसी में दफन किया जाए। इसके साथ ही इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए कि वह जगह पानी और घरों से कोसो दूर रहे। जिससे आम जनमानस को इससे कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े।

गाइडलाइन के पालन में ले पुलिस की मदद

केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि इनदिनों व्यवसायिक पोल्ट्री फॉर्म को तेज पानी के बहाव और केमिकल से नियमित रुप से साफ करें। इसके साथ ही आवारा और जंगली पक्षियों को फॉर्महाउस तक आने से रोकने के लिए विशेष व्यवस्था की जाए। इन सभी कार्यों के निष्पादन के लिए पुलिस की मदद अवश्य रूप से ले।

केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन

  • बर्ड फ्लू के चलते नोटिफाइड किए गए एरिया में अंडे व मुर्गे-मुर्गियों की बिक्री पर रोक लगाते हुए पोल्ट्री फार्म को बंद किया जाए।
  • मृत पक्षियों को दफनाने के लिए 2 मीटर का गड्ढा बनाया जाए। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि दफनाने वाला एरिया आवास और पानी के स्रोत से दूर होना चाहिए।
  • इन दिनों व्यवसायिक पोल्ट्री फॉर्म को पानी व केमिकल से साफ करने की उचित व्यवस्था की जाए।
  • आवारा और जंगली पक्षियों को पोल्ट्री शेड, पानी के स्रोत के आस-पास आने से रोकने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
  • इन सभी कार्यों के लिए पुलिस की मदद ली जाए।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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