MP News : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने 9 अगस्त विश्व आदि दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। लेकिन शिवराज सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश समाप्त कर दिया था।
कमलनाथ ने कहा कि अवकाश समाप्त करने से आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है। पत्र में उन्होंने अवकाश घोषित करने के साथ ही हर विकासखंड में आदिवासी दिवस समारोह मनाया जा सके, इसके लिए हर विकासखंड को एक निश्चित राशि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान करने की मांग भी की है।
कमलनाथ द्वारा लिखा गया पत्र
अपने पत्र में कमलनाथ ने लिखा है कि ‘संयुक्त राष्ट्र संघ के आह्वान पर सम्पूर्ण विश्व दिनांक 09 अगस्त को “विश्व आदिवासी दिवस” के रूप में मनाता है। आदिवासी वर्ग के मूलभूत अधिकारों को बढ़ावा देने, आदिवासी समाज की उपलब्धियों एवं उनके योगदान को स्वीकार करने, आदिवासी संस्कृति के उन्नयन एवं उसे विश्व के समक्ष लाने के उद्देश्य से इस दिवस को उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। दिनांक 09 अगस्त को सम्पूर्ण विश्व में आदिवासी समुदाय एवं संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार के आयोजन किये जाते हैं, जिसमें सांस्कृतिक, शैक्षणिक व अन्य आयोजन सम्मिलित है।’
‘मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2019 में “विश्व आदिवासी दिवस” को भव्यता एवं समारोहपूर्वक मनाया था तथा इस दिवस पर प्रदेश में मेरे द्वारा सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया गया था ताकि सभी वर्गों के लोग आदिवासी दिवस के आयोजनों में सम्मिलित हो सकें और इस दिवस को मनाने के उद्देश्य को पूर्ण करने में सहभागी बनें। किन्तु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा “विश्व आदिवासी दिवस” के अवकाश को समाप्त कर दिया गया, जिससे आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है।’
‘मध्यप्रदेश में आदिवासी दिवस पर समारोह/कार्यक्रमों के आयोजन के लिये प्रत्येक विकास खंड हेतु एक निश्चित राशि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिये जाने व इस दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की मांग भी हो रही है। प्रदेश के आदिवासी वर्ग की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक अवकाश की मांग पर भी विचार किया जाना चाहिए। मेरे मतानुसार अनुरोध है कि आदिवासी वर्गों की परम्पराओं के प्रति सहिष्णुता एवं सम्मान की दृष्टि से 09 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाना चाहिए। अतः आपसे आग्रह है कि उपरोक्त विषय पर समव्यता से संज्ञान लेते हुए कृपया आवश्यक निर्णय लेने का कष्ट करें।’