भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों (MP Employees) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल सरकारी नौकरी (Government jobs) में अधिकारी कर्मचारी के प्रमोशन (promotion) का रास्ता साफ हो सकता है। इस मामले में गृह मंत्रालय की बैठक आयोजित की जाएगी गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) आज मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों के प्रमोशन मामले में बैठक करेंगे। इस बैठक में शासकीय कर्मचारियों के प्रमोशन को लेकर बीच का रास्ता निकाला जा सकता है।
आज सुबह मंत्रालय में सुबह 11:00 बजे प्रमोशन पर गठित मंत्री समूह की बैठक आयोजित की जाएगी। बता दे कि मध्यप्रदेश में अधिकारी कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण पर हाई कोर्ट की रोक के बाद प्रदेश में सरकारी नौकरियों के प्रमोशन पर फंस गया था। वही पदोन्नति में आरक्षण मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी शुक्रवार को बड़े मुद्दे तय की है। उन्होंने कहा कि मुद्दों को आधार बनाकर ही केंद्र और राज्य सरकार की पदोन्नति को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इस कारण से मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति व जनजाति के डाटा को जो पैमाना तय किया। उसके हिसाब से मध्य प्रदेश ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। वहीं सुप्रीम कोर्ट पदोन्नति में आरक्षण मामले में 24 फरवरी को राज्य पर सुनवाई करेगा। पहले केंद्र के मामले को चुने जाएंगे उसके बाद फिर राज्यों के पैमाने तय किए जाएंगे। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी पहुंचे साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान कई अधिकारी कर्मचारी अपनी सेवा पूरी कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील का कहना है कि सरकार ने जिन मुद्दों की और सुप्रीम कोर्ट का ध्यान दिलाया था उन पर स्थिति साफ हो गई है। जिसके बाद अब पदोन्नति के लिए नए नियम बनाने की जरूरत बिल्कुल नहीं है।
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बता दें कि 30 अप्रैल 2016 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण समाप्त कर मध्य प्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 को खारिज कर दिया था। इस नियम से पदोन्नति लेने वाले सभी कर्मचारियों को पदोन्नत करने के निर्देश भी दिए गए थे। जिसके बाद 10 जून 2016 को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। 12 जून 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया था जबकि 14 नवंबर 2017 को मध्य प्रदेश के मामले की सुनवाई करते हुए आई एम नागराज फैसले की समीक्षा के संविधान पीठ को भेजने का निर्णय लिया गया था।
वहीं इस मामले में अभी 4 लाख से अधिक कर्मचारी अपनी 6 साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए सरकार गंभीर हो गई 1 साल में दो समितियां निर्मित की जा चुकी है। समिति की अनुशंसा का लाभ पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों को मिल चुका है। वहीं अन्य विभाग के कर्मचारियों को भी पदोन्नति की वैकल्पिक व्यवस्था का लाभ देने की तैयारी की जा रही है। जिसको लेकर बैठक आयोजित की गई थी वही बताया जा रहा था कि 2 फरवरी को इस मामले में कोई बड़ा फैसला आ सकता है। एक बार फिर से आज सुबह 11:00 बजे मंत्रालय में बैठक आयोजित की जाएगी। जहां मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों की पदोन्नति मामले में सुनवाई की जा सकती है। वहीं अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में हर माह औसतन डेढ़ हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे है। वहीं 2016 से अब तक मध्य प्रदेश में करीबन 60000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिला है। इसके साथ ही साथ पदोन्नति का विकल्प तलाशने के लिए राज्य सरकार ने 9 दिसंबर 2020 को प्रशासन अकादमी के महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की थी। जिसमें 15 जुलाई 2021 तक अनुशंसा मांगी गई थी।
वही अनुशंसा मिलने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल उपसमिति गठित की गई समिति ने अपनी अनुशंसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजी थी। वही विभाग के खाली पदों की जानकारी मांगते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने 3 महीने पहले सभी विभागों के खाली पदों की जानकारी एकत्रित की है। जिसके बाद खाली वरिष्ठ पदों पर कनिष्ठ अधिकारी या कर्मचारी को पात्रता के अनुसार प्रभार दिया जाएगा।