भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 24 घंटे बाद 15 जून 2021 से MP में समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग की खरीदी (Mung bean) की जाएगी।खास बात ये है कि MP में मूंग की खरीदी करीब 15 जून से 90 दिनों तक की जाएगी। इसके लिए 8 जून से पंजीयन जारी है, अब तक कई किसानों (Farmers) ने पंजीयन भी करवा लिया है और उन्हें अब खरीदी का इंतजार है। वही केन्द्र सरकार (Central Government) द्वारा मूँग का समर्थन मूल्य 7 हजार 196 रुपये प्रति क्विंटल निश्चित किया गया है।
खबर है कि अब भोपाल में भी किसानों से समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की जाएगी। जल्द ही इस संदर्भ में आदेश जारी होंगे, इसके बाद तुलाई केंद्रों पर खरीदी शुरू हो जाएगी। मध्य प्रदेश के कृषि विभाग (MP Agriculture Department) ने भी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि पंजीयन जरूर कराएं ।फसल का उचित मूल्य पाएं। ग्राीष्मकालीन मूंग और उड़द के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी है। किसान भाई http://mpeuparjan.nic.in के जरिये आवेदन कर सकते हैं। पंजीयन कराते समय ये दस्तावेज जरूर अपने पास रखें।
वही कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) भी कह चुके है कि इस वर्ष ग्रीष्मकालीन मूँग 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर में बोई गई, जबकि गत वर्ष एक लाख 82 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई थी। इस वर्ष मूँग की फसल की स्थिति अच्छी होने से औसत फसल उत्पादकता 15 क्विंटल प्राप्त हो रही है। इससे 3.10 लाख मीट्रिक टन फसल उत्पादन प्राप्त होना अनुमानित है।
भोपाल कलेक्टर (Bhopal Collector) अविनाश लवानिया ने निर्देश दिए है कि मूंग-उड़द के सत्यापन के लिये खसरावार, ग्रामवार, विकासखंड क्षेत्राच्छादन की जानकारी कराकर एक डाटाबेस बनाये जिसके आधार पर सत्यापन सुगमता से किया जा सके। सत्यापन में लापरवाही न हो क्योंकि राज्य शासन द्वारा पहले ही सेटेलाइट से ग्रीष्मकालीन फसलों को बोये गये रकबे का सर्वे कराया जा चुका है। ऐसे में यह ध्यान रखा जाये कि सत्यापन के समय सेटेलाइट और मैदानी सर्वे के रकबे के आंकडों में भिन्नता न हो।
जितना उपार्जन हो, उतना परिवहन करें
मूंग की खरीदी को लेकर भोपाल कलेक्टर ने कहा कि इस कार्य को SDM अपने निगरानी में प्राथमिकता से करायें। तहसीलदार अपने सभी अमले के साथ सत्यापन कार्य में लग जाये। इसमें कृषि विभाग के अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाये। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी व कोटवार फील्ड में जाकर सत्यापन में सहयोग करें। मूंग-उड़द के उपार्जन शुरू होने के पहले ही उपार्जन के लिये उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण कर लिया जाये। उपार्जन केन्द्र किसी खाली गोदाम में हो और प्रतिदिन जितना उपार्जन होता है उतना परिवहन भी हो जाये।
फसल भीगेगी तो किसान होंगे जिम्मेदार
भोपाल कलेक्टर ने ग्रीष्मकालीन मूंग-उड़द फसलों की रकबा, सत्यापन एवं उपार्जन के संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये है। उपार्जन के लिये DMO के फीडबैक के आधार पर किसानों को उपार्जन केन्द्रों पर बुलाया जायेगा। बरसात के मौसम में यदि किसान की फसल भींग जाती है तो वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। सत्यापन के आधार पर फसल उपार्जन केन्द्रों पर पहुंचे, किसी दूसरे जिले की मूंग व उड़द न आये इसके लिये जिले के प्रवेश मार्ग पर चेकिंग पाइंट भी बनाये।
बता दे कि यह पहला मौका है जब MP में गेहूं, चना, मसूर और सरसों के बाद अब मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य (MSP) पर होने जा रही है। ग्रीष्मकालीन मूँग की फसल कम समय में अधिक लाभ देने वाली है। इसमें 60 दिन की अवधि में ही फसल तैयार हो जाती है। ग्रीष्मकालीन मूँग कम लागत में अधिक लाभ प्रदाय करने वाली फसल है। वही मध्य प्रदेश में मानसून (MP Monsoon) से पहले मूंग की फसल आ जाती है। खास करके होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर, विदिशा, रायसेन, जबलपुर सहित अन्य जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती बड़े पैमाने पर होती है।
पंजीयन जरूर कराएं फसल का उचित मूल्य पाएं
ग्राीष्मकालीन मूंग और उड़द के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए पंजीयन प्रक्रिया जारी है। किसान भाई https://t.co/PzY4DwKjiA के जरिये आवेदन कर सकते हैं।
— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) June 14, 2021
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)