Fri, Dec 26, 2025

MP News : ये पद ये शोहरत इस जलवे का अभिनंदन, भरे मंच मंत्रीजी ने किया महाराज का चरणवंदन

Written by:Shruty Kushwaha
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MP News : ये पद ये शोहरत इस जलवे का अभिनंदन, भरे मंच मंत्रीजी ने किया महाराज का चरणवंदन

Pradyuman Singh Tomar bowed before Scindia : मौक़ा कुछ ऐसा था कि मंच पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, उनके बेटे महा आर्यमन सिंधिया, तुलसी सिलावट सहित कई बड़े चेहरे मौजूद थे। फिर ऐसा क्या हुआ कि उन सबके बीच खड़ी सिने तारिका महिमा चौधरी मुड़ मुड़कर आश्चर्य से प्रद्युम्न सिंह तोमर को देखने लगी। अब शिवराज कैबिनेट के मंत्री ने ऐसा क्या कारनामा कर डाला, जो एक बार फिर सारी लाइमलाइट चुरा ले गए।

मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कभी खंभे पर चढ़े पाए जाते हैं तो कभी गलियों-सड़कों पर सफाई करते दिखते हैं। और जब मामला हो ‘महाराजा साहब’ का तो उनका दंडवत होना जैसे शाश्वत प्रक्रिया का हिस्सा है। फिर भले ज्योतिरादित्य सिंधिया रेलवे स्टेशन पर हों, किसी मंच पर, कार्यक्रम में, लोगों से घिरे हों या किसी भरी सभा में..उनको देखते ही प्रद्युम्न सिंह तोमर के मन मंदिर में श्रद्धा का ऐसा ज्वार उमड़ता है कि वो उनके चरणों में साष्टांग दंडवत हो जाते हैं। ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला शुक्रवार को जब ग्वालियर में “माधव महाराज” की जन्म जयंती पर आयोजित मैराथन का आयोजन किया गया। यहां बड़े सिंधिया के सुपुत्र और केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे के साथ शामिल हुए। तुलसी सिलावट सहित कुछ स्थानीय बीजेपी नेता भी वहां मौजूद थे। इस अवसर पर अभिनेत्री महिमा चौधरी भी शामिल होने पहुंची थीं और वो मंच पर सबसे साथ खड़ी थी कि प्रद्युम्न सिंह तोमर पीछे से आए और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुखातिब होते हुए उनके श्रीचरणों में दंडवत हो गए।

खैर महाराज के लिए तो कोई नई बात नहीं हुई..लेकिन ये नज़ारा देख महिमा चौधरी कुछ पल के लिए अकबका गईं। ऊर्जा मंत्री की इस हरकत से उन्हें करंट सा महसूस हुआ। कुछ क्षण उन्होने गौर से मंत्री तोमर के चेहरे को निहारा और फिर उनकी ओर उंगली से इशारा करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया से कुछ कहा। हालांकि वहां क्या गुफ्तगू हुई, ये सही सही तो नहीं कहा जा सकता लेकिन अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उन्होने कुछ मज़ाकिया कुछ तंज़िया अंदाज़ में इस भक्ति की प्रशंसा ही की होगी। क्योंकि सिंधिया भी उन्हें तोमर के बारे में कुछ बताते हुए नजर आए। बहरहाल ये ‘भूतो न भविष्यति’ जैसा तो कुछ था नहीं..न नज़ारा नया था न किरदार। लेकिन जो स्थिति पैदा हुई वो थोड़ी असहज जरूर थी। लेकिन कहते हैं न.इश्क़ और जंग में सब जायज़ है और भला सियासत से बड़ा इश्क़ और सियासत से बड़ी जंग क्या होगी। लोकतंत्र में भी महाराज का जलवा बरकरार है और इस तरह के दृश्य बार बार इशारा करते हैं कि आज भी तस्वीर कुछ खास बदली नहीं है। जनता के लिए ये मंत्री ही राजा है..उन राजाओं के लिए कोई और महाराजा है, इस तरह राजनीति में राजा-महाराजा का खेल जारी है और प्रजा बेचारी गुड ऑडियंस का रोल बखूबी निभा रही है।