भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक एवं संयुक्त माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों का गठन 9 सितंबर को होगा। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र धनराजू एस. ने बताया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शालाओं के बेहतर प्रबंधन एवं शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समितियों का गठन किया जाता है। ये समितियाँ बच्चों के शालाओं में नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अधोसंरचनात्मक कार्यो के साथ बच्चों के बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर्स को स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) गठन के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने विस्तृत निर्देश जारी कर दिए है।
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प्रदेश में लगभग 90 हज़ार प्राथमिक, माध्यमिक एवं संयुक्त माध्यमिक स्कूलों में गठित होने वाली समितियों का कार्यकाल आगामी 2 शैक्षणिक सत्रों के लिए निर्धारित है। शाला प्रबंधन समितियों के 18 सदस्यों में शाला में पढ़ने वाले बच्चों के पालक, शाला के प्रधान शिक्षक, वरिष्ठत महिला शिक्षिका तथा स्थानीय वार्ड के पंच/पार्षद तथा स्थानीय निकाय के सरपंच/अध्यक्ष/महापौर द्वारा नामित अन्य वार्ड की एक महिला पंच/पार्षद के रुप में निर्चाचित जनप्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं। इन समितियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चयन विद्यार्थियों के अभिभावकों में से किया जाता है। वहीं शाला के प्रधान शिक्षक समिति के सदस्य सचिव होते हैं। शासन द्वारा शाला के स्थानीय प्रबंधन के अधिकार भी इन समितियों को सौंपे गए हैं। धनराजू एस. ने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय एवं अनुदान प्राप्त स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के पालकों एवं अभिभावकों से 9 सितम्बर 2021 को स्कूल पहुँचकर, शाला प्रबंधन समिति से जुड़ने और शालाओं के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आग्रह किया गया है।