भोपाल, डेस्क रिपोर्ट : ब्राह्मण समाज के लोगों पर विवादित टिप्पणी करने के बाद प्रीतम लोधी को भाजपा पार्टी की सदस्यता से निष्काषित कर दिया गया है। बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने कमर कस ली है। ऐसे में बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र शास्त्री और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) के करीबी प्रीतम लोधी के बीच बयानबाजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बता दें कि लोधी ने कथावाचकों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके तुरंत बाद उन्होंने ब्राह्मण समाज से माफी मांग ली थी। लेकिन टिप्पणी के बाद इसपर सियासत शुरू हो गई और मुद्दा इतना गहरा गया कि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी.डी. शर्मा ने प्रीतम लोधी की सदस्यता रद्द कर दी थी।
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जिसपर अब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने संत पर निशाना साधते हुए कहा कि, “मैंने शुरू से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से कहा था कि, सत्ता, संगठन और प्रशासन में क्षेत्रिय और जातीय संतुलन ठीक नहीं है”। साथ ही उन्होंने बयान देते हुए कहा कि, बागेश्वर धाम के महाराज को इस मालमे में पड़ना ही नहीं चाहिए था। क्योंकि वो इतने बड़े संत हैं, लेकिन अब वो प्रतीम के स्तर पर आ गए हैं। महाराज मुझे बोल देते कि दीदी प्रीतम को डांटो, लेकिन इससे पहले ही दोनों के बीच विवाद हो गया।
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दरअसल प्रीतम लोधी ने कथावाचकों और ब्राह्मणों पर अमर्यादित बयान दिया था। उन्होंने प्रसिद्ध बागेश्वर धाम में महान संत धीरेंद्र शास्त्री के बारे में कहा कि, वे मुझसे मिलने को आतुर हैं, तो मिल लें। वो देखेंगे कि मिलने के बाद उनका पजामा गीला हो गया होगा। साथ ही प्रीतम ने कहा था कि, धीरेंद्र महाराज को मसल दूंगा और सामने पड़ जाएगा तो जला दूंगा। जिसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर खुब वायरल हुआ। इस बयान से लोधी एक बार फिर सुर्खियों में छा गए। जिसपर बयानबारी का दौर शुरू हो गया। जिसके बाद उन्होंने अपने दिए गए बयान पर ब्राह्मण समाज से माफी मांग ली।
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लेकिन मामला इतना ज्यादा विवादित हो गया कि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने तत्काल प्रीतम लोधी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। जिसके बाद प्रीतम प्रदेश कार्यालय पहुंचे और अपनी बात को प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के समक्ष रखी। जिसपर पुन: विचार और बातचीत करने के बाद बयान का असली वीडियो देखा गया। जिसके बाद कथन सही ना पाए जाने पर लोधी को पार्टी से बाहर कर दिया गया।
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