भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में अधिकारी कर्मचारियों (officers-employees) को जल्द बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल शिवराज सरकार (shivraj governmennt) ने पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मंत्री समूह का गठन किया है। वहीं प्रदेश के कर्मचारियों को किस तरह पदोन्नति दी जा सकती है। इसके विकल्पों पर विचार किया जाएगा। जिसके बाद विचार कर यह प्रस्ताव अनुशंसा सरकार को भेजे जाएंगे।
बता दें कि मध्य प्रदेश में मई 2016 से पदोन्नति (promotion) पर रोक लगाई गई है। दरअसल जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम 2002 (Madhya Pradesh Public Service Promotion Rules 2002) के कई प्रावधानों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके लिए शिकायत पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। वही शिवराज सरकार (shivraj government) ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके लिए मंगलवार को सुनवाई होनी है।
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इससे पहले शिवराज सरकार ने भविष्य में कर्मचारियों के पदोन्नति के अवसर के लिए रणनीति बनाने के लिए मंत्री समूह का गठन किया है। इन मंत्री समूह में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) के अलावा जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (tulsiram silawat), सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया (arvind bhadauria), सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (inder singh parmar) और वन मंत्री विजय शाह को शामिल किया गया है। इसके अलावा इन मंत्री समूह का समन्वयक अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन को नियुक्त किया गया है।
शिवराज सरकार ने पदोन्नति के नए नियम के प्रारूप को तैयार कर लिया है। जिसके लिए अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा (rajesh rajoura) सहित अन्य अधिकारियों की समिति बनाई गई थी। वही समिति ने अनुशंसा के आधार पर विभाग के नए नियम का प्रारूप तैयार किया। जिसे जल्द ही कैबिनेट (cabinet) में पेश किया जाएगा।