MP Politics: विवेक तन्खा का ट्वीट- “ये वह शिवराज नहीं, जिन्हें मैं जानता था”

Pooja Khodani
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vivek tankha

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की सियासत (MP Politics) इन दिनों उबाल पर है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा समय ना देने पर बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा (Rajya Sabha MP Vivek Tankha) का ट्वीट सामने आया है, जिसमें  उन्होंने दिग्विजय सिंह के ऊपर दर्ज की गई FIR को लेकर आपत्ति जताई है और लिखा है कि यह वह शिवराज सिंह चौहान नहीं है, जिन्हें मैं जानता था।

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दरअसल, वरिष्ठ कानूनविद व राज्यसभा से कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा है “वक्त सभी का बदलता है। सबकी जिंदगी में एक दिन भूतपूर्व होना लिखा है। शायद शिवराज सिंह चौहान को याद नहीं होगा कि जब उनका एक्सीडेंट हुआ, उस वक्त के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने उनकी मदद की थी और हवाई जहाज से लेकर अन्य व्यवस्थाएं तक दिग्विजय सिंह ने की थी। शर्म की बात है कि मदद करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है।

इसके साथ ही विवेक तन्खा ने एक ट्वीट और किया है और उसमें लिखा है कि “कोई व्यवस्था स्थाई नहीं है। एक वर्तमान मुख्यमंत्री भूतपूर्व मुख्यमंत्री को मिलने का समय देने से पहले धारा 188 और 353 आईपीसी के मुकदमे दर्ज कर आमंत्रित करता है। यह वह सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) नहीं है जिन्हें मैं जानता था।”

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दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की मांग को लेकर दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले धरना दिया था। जिसके बाद उनके ऊपर समर्थकों के साथ मिलकर धरना देने के आरोप में आईपीसी की धारा 188 और 353 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव का फोन आने के बाद दिग्विजय सिंह धरने से उठ गए थे और उन्हें 23 जनवरी को मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय भी मिल गया था लेकिन इस बीच ही मुकदमा दर्ज हो गया और तंखा की आपत्ति इसी बात को लेकर है कि आखिरकार जब मुलाकात का समय मिल गया तो फिर मामला क्यों दर्ज हुआ।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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