MMSKY : अब तक 9 लाख से अधिक युवाओं का पंजीयन, CM ने इन हितग्राहियों को सौंपे अनुबंध पत्र, मिलेगा स्टाइपेंड, जानें योजना के नियम-प्रक्रिया

Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana

Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana : मध्य प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए ताजा अपडेट है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की 10 हजार वीं हितग्राही कुमारी अजीता राठौर और 10001 वीं हितग्राही कुमारी आकांक्षा चौहान को अनुबंध पत्र प्रदान किए और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं।
योजना में अब तक 9 लाख से अधिक युवाओं ने योजना के पोर्टल पर पंजीकृत किया है, जो युवाओं में सीखने के रूझान को दर्शाता है। योजना के तहत प्रतिष्ठान प्रतिदिन अनुबंध सृजित कर रहे है और युवा उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए युवा उत्साहपूर्वक प्रतिष्ठानों में सीखने जा रहे हैं।

अजीता राठौर 10 हजार वीं और आकांक्षा चौहान बनी 10001 वीं हितग्राही

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की हितग्राही कुमारी अजीता राठौर ने भोपाल के एलएनसीटी विश्वविद्यायल,भोपाल से एमसीए किया है, उन्हें सीखो कमाओ योजना के अंतर्गत एक्सट्रा नेट टेक्नालॉजी प्राइवेट लि. भोपाल में साफ्ट वेयर डेवेलपर के रूप में जुड़ने का अवसर मिला है।अजीता का कहना है कि इससे उन्हें कौशल उन्नयन का अवसर मिलेगा तथा कार्य अनुभव के साथ-साथ प्रमाण पत्र व मानदेय भी प्राप्त होगा। इससे उनके अन्य बड़ी कम्पनियों में रोजगार प्राप्त करने के अवसर बढ़ेंगे। यह योजना युवाओं के लिए बहुत उपयोगी है। इसी प्रकार योजना की 10001वीं हितग्राही कुमारी आकांक्षा चौहान भोपाल की कैरियर एजूकेशन सोसायटी में कस्टमर केयर सेक्शन में कार्य सीख रही हैं और अनुभव प्राप्त कर रही हैं।

युवाओं के साथ प्रतिष्ठानों के लिए लाभप्रद योजना

  • मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना युवाओं के साथ-साथ प्रतिष्ठानों और राज्य सरकार के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। योजना से अब तक 19 हजार 598 प्रतिष्ठान जुड़ चुके हैं और 75 हजार से अधिक पद प्रकाशित हुए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि राज्‍य शासन द्वारा औपचारिक शिक्षा प्राप्त युवाओं को पंजीकृत औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में ऑन द जॉब ट्रेनिंग की सुविधा देने के लिए ”मुख्यमंत्री सीखो-कमाओं योजना” लागू की गई है।
  • इस योजना अंतर्गत प्रतिष्ठान में कार्यरत कुल कर्मचारियों के 15 प्रतिशत तक युवाओं को प्रतिष्ठारन में रखा जा सकता है। योजना में 12वीं पास को रुपए 8000/- प्रतिमाह, आईटीआई पास को रुपए 8500/- प्रतिमाह, डिप्लोमाधारी को 9000/- प्रतिमाह और स्नातक एवं उच्च योग्यता प्राप्त को रुपए 10000/- प्रतिमाह न्यूनतम स्टाइपंड देने की व्यवस्था है। योजना में चयनित युवा को “छात्र-प्रशिक्षणार्थी”कहा जाएगा।

युवाओं और सरकार को लाभ

  • योजना में छात्र-शिक्षणार्थी को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से सीखने के अवसर, व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड, मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कॉन्सिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। इससे छात्र प्रशिक्षणार्थी नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित कर सकेंगे।
  • योजना में प्रतिष्ठा न को सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें युवाओं को दिये जाने वाले कुल निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेण्ड का केवल 25 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा। राज्य शासन द्वारा 75 प्रतिशत स्टाइपेण्ड का भुगतान किया जायेगा।
  • यह योजना प्रतिष्ठादन, युवा एवं सरकार सभी के लिये लाभप्रद है। इसमें प्रतिष्ठातनों को बहुत ही कम स्टाइपेण्ड भुगतान करने पर काम करने के लिये युवा मिल जायेंगे, युवाओं को काम सीखने का अवसर मिलेगा। इससे प्रदेश के युवा नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित कर प्रदेश की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में सहयोगी होंगे।

अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ

  • उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण, व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड।
  • मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन।
  • नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।इस योजना के माध्यम से उद्योगों को अपनी जरूरत के अनुसार युवाओं का कौशल संवर्धन करने का अवसर मिलेगा।
  • प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदाता प्रतिष्ठान छात्रों की परख करके, तथा प्रशिक्षण के बाद इन छात्रों को अपने संस्थान में नौकरी दे सकेंगे।
  • इस प्रकार उद्योगों को कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।उद्योगों को कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की लागत कम होगी, क्योंकि छात्रों को पहले से ही कुछ कौशल और अनुभव प्राप्त होगा।

योजना के लिए आयु-पात्रता

  • प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास के साथ ही ‘लर्न एंड अर्न’ की तर्ज पर “ऑन जॉब ट्रेनिंग” की सुविधा के लिये शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ’ योजना में 18 से 29 वर्ष आयु के मध्यप्रदेश के मूल निवासी युवाओं को, जिन्होंने 12वीं/आईटीआई या उससे उच्च शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की हो, को उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • इस योजना में वह युवा आवेदन दे सकते हैं जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी हों। युवा के पास शैक्षणिक योग्यता 12वीं, आईटीआई या फिर कोई और डिग्री होनी चाहिए।जो भी युवा इस योजना में सिलेक्ट होते हैं उन्हें स्कॉलरशिप मिलती है।
  • समग्र पोर्टल पर आधार E-Kyc जरूरी है।रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर और Email होना जरूरी है। बैंक खाता आधार से लिंक हो और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) इनेबल्ड हो।

MMSKY में इस तरह होगा चयन

  • इन आवेदनों में से कंपनियां योग्यता के आधार पर आवेदकों का चयन करेंगी और फिर उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। इनमें से चयनित आवेदन को कंपनी में बुलाया जाएगा और फिर योग्यतानुसार काम और स्टायपेंड दिया जाएगा।
  • युवाओं को अलग-अलग सेक्‍टर्स में ट्रेनिंग देकर उन्‍हे रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा, ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को उनकी योग्‍यता के हिसाब से 8000 से 10000 रुपए तक का स्‍टाइपेंड दिया जाएगा।
  • इस योजना में 75 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी और 25 प्रतिशत राशि कंपनी द्वारा दी जाएगी। इसमें ट्रेनिंग 1 साल की होगी, लेकिन कुछ कोर्सेज के लिए ट्रेनिंग पीरियड 6 से 9 महीने रखा गया है।

कैसे करें आवेदन?

  • आवेदक MMSKY पोर्टल पर पंजीयन पर क्लिक करें।यदि आप पात्र हैं तो अपना समग्र आईडी दर्ज करें।
  • समग्र आईडी में पंजीकृत मोबाइल नं. पर भेजा गया OTP दर्ज करें।OTP दर्ज करने के बाद आपकी जानकारी स्‍वत: प्रदर्शित होगी।
  • एप्लीकेशन सबमिट करने पर आपको SMS से यूजरनेम और पासवर्ड मिलेगा।लाॉग इन कर शैक्षणिक योग्यता और संबंधित दस्तावेज संलग्न करे।
  • शैक्षणिक योग्यता के अनुसार कोर्स प्रदर्शित होंगे उनमे से आप कोई कोर्स को चुन सकते है, जहां ट्रेनिंग करना चाहते हैं उस स्थान का चयन करें।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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