MP School : छात्रों के लिए सरकार की बड़ी तैयारी, पढ़ाई के तरीके में होगा बदलाव, इन स्कूलों को बनाया जाएगा इनक्यूबेशन सेंटर, मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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MP School, MP School News : प्रदेश के स्कूली छात्रों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल अब उन्हें खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। पढ़ाई के नियम में हल्का संशोधन किया जा सकता है। वही मानसिक तनाव को कम करने के भी गुर सिखाए जाएंगे।

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल में पढ़ाई के तरीके में हल्का बदलाव किया जा सकता है। अब रंटन शिक्षा के जगह प्रोजेक्ट वर्क पर फोकस किया जाएगा ताकि छात्रों को आसानी से चीज समझ में आ सके। मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा यह के अधिकारी प्राचार्य को लद्दाख के इनोवेटर और शिक्षाविद सोनम वांगचुक के स्कूलों का अवलोकन करने भेजा जा रहा है।

दो और दलों को अवलोकन के लिए भेजने की तैयारी

शिक्षकों के पहले दल को अवलोकन के लिए भेजा गया था, अब दो और दलों को भेजने की तैयारी की जा रही है। वहीं अब स्कूलों में हैप्पीनेस के साथ-साथ खेल के जरिए छात्रों को पढ़ाई कराई जाएगी। उन्हें मानसिक तनाव से मुक्ति के रास्ते दिखाए जाएंगे। साथ ही हैप्पीनेस करिकुलम को भी तैयार किया जाएगा।

मामले में DPE के अपर संचालक राजीव तोमर का कहना है कि विभागों के प्राचार्य और अधिकारियों के दल को लद्दाख स्थित सोनम बांगचुक के स्कूल का अवलोकन करने भेजा जा रहा है। सभी से सुझाव लिए जा रहे हैं। इसके उपरांत नियम में हल्के संशोधन किए जा सकते हैं।

सोनम वांगचुक लद्दाख में 1986 से अपना निजी स्कूलों और विश्वविद्यालय चला रहे हैं। बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क पर प्रैक्टिकल आधारित शिक्षा दी जाती है। इन स्कूलों में बच्चों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जाता है और उन्हें शिक्षा के बोझ की तरह नहीं बल्कि खेल की तरह समझ कर पढ़ाई कराई जाती है। स्कूल का अवलोकन कर लौटे प्राचार्य सुधाकर पाराशर का कहना है कि इस स्कूलों को कक्षावार नहीं बनाया गया बल्कि एक ही स्कूल होता है। वहां सीखने और सीखने की प्रक्रिया पर शिक्षा आधारित है। प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।

53 ईएफए स्कूलों में इनक्यूबेशन सेंटर- इंदर सिंह परमार

सोमवार को महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान स्थित संस्कृत भवन में मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार 2023 का वितरण किया गया। इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी वहां मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक रूप से बच्चों के मन में कई तरह के नवाचार विषय प्रश्न और उनके समाधान उठाते हैं। ऐसे में नवाचार को समझने की आवश्यकता है। बच्चों की रचनात्मकता और समाधान खोजी दृष्टिकोण सहित कल्पना शक्ति को व्यावहारिक रूप देने की अवधारणा से मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना का सृजन किया गया है। उन्होंने कहा कि नवाचारों के विचार के क्रियान्वन के लिए प्रदेश के सभी 53 ईएफए स्कूलों में इनक्यूबेशन सेंटर बनाया जाएगा।

बता दे की मुख्यमंत्री नवाचार पुरस्कार योजना के तहत पांचवी से कक्षा 12वीं तक के छात्रों को उत्कृष्ट नवाचारों के लिए प्रथम पुरस्कार के रूप में 51000 द्वितीय पुरस्कार के रूप में 31000 रुपए तृतीय पुरस्कार के रूप में 21000 और सांत्वना पुरस्कार स्वरूप 11000 रुपए दिए जाते हैं इसके अतिरिक्त बच्चों के मैटर को बच्चों के पुरस्कार के 20% राशि पुरस्कार स्वरूप उपलब्ध कराई जाती है।


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