भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में शिवराज सरकार (shivraj government) आंगनवाड़ी केंद्र (anganwadi centers) को सुदृढ़ करने में लगी हुई है। इसी बीच अब महिला बाल विकास विभाग ने अब अन्य उलझे हुए मामलों को समझाने की तरफ कार्रवाई शुरू कर है। दरअसल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा MP School Pre-School Education kit की तैयारी की जा रही है।
मामला पिछले 4 वर्षों से उलझा हुआ है। जिसे सुलझाया जाएगा। इसके साथ ही कई बार किया जा चुका है। इससे पहले मोबाइल खरीद कर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को देने का मामला राज्य शासन द्वारा सुलझाया गया था। बता दें कि 45 करोड़ की खरीदी में सप्लायर को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों पर कई तरह के आरोप लगे। इस बीच मध्य प्रदेश में भी उत्तर प्रदेश के नक्शे कदम पर आंगनबाड़ी केंद्रों की तरह संचालित करने का निर्णय लिया गया था।
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इसके साथ ही प्री-स्कूल एजुकेशन किट में रंगीन चार्ट पेपर. बिल्डिंग बॉक्स मोम कलर सामग्री की खरीदारी की गई। साथ ही प्रदेश में 96135 आंगनवाड़ी केंद्र है जिसके लिए ₹45 करोड़ रुपए की किट की खरीदी की जाएगी। इस बार विभाग के नए नियम के तहत पुराने सप्लायर को निविदा में नो एंट्री दिया गया है। दरअसल प्रीस्कूल एजुकेशन किट की सप्लाई पर पूर्ण विवादों में रहने के कारण पुराने सप्लायर की नो एंट्री है।
साथ ही विभाग द्वारा ऐसे नियम तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें किसी भी गड़बड़ी के विभाग के प्रक्रिया पूरी की जाए। आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को दाखिला दिलाया जाता है जिसके बाद एजुकेशन किट के जरिए बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था पूरी की जाती है इसके मुताबिक प्री स्कूल एजुकेशन किट की निविदा तैयार किए जाते हैं।