MP School: 6 से 8वीं तक के स्कूल खोलने को लेकर मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madha pradesh) में संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है लेकिन शिवराज सरकार (shivraj government) अभी भी बच्चों को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसी स्थिति में जहां देश के अन्य बड़े राज्यों में मिडिल स्कूल (middle school) की कक्षाएं शुरू हो रही है। वहीं प्रदेश में 6 से 8वीं तक मध्यप्रदेश स्कूल (mp school) की कक्षाओं शुरू करने पर अब भी रोक लगी हुई है। इस मामले में मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (inder singh parmar) का बड़ा बयान सामने आया है।

दरअसल मिडिल स्कूल की कक्षाएं शुरू करने के सवाल पर जवाब देते हुए मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। बावजूद इसके छोटे बच्चे की स्कूल खोलने पर सहमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग (health department) ने अब तक स्कूल खोले जाने पर सहमति नहीं दी है। इसलिए शिक्षा विभाग अपने स्तर से कोई निर्णय नहीं ले सकता है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा विषय संवेदनशील है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग की सहमति के बाद ही प्रदेश में मिडिल और प्राइमरी स्कूल (midde or primary school) खोलने पर निर्णय लिया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों की शिक्षा के स्तर में एनजीओ (NGO) के कार्यों का मूल्यांकन किया जाएगा। यह जानकारी स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने दी। इंदर सिंह परमार ने कहा कि वह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाकर एनजीओ की गतिविधि की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षित किया जा सके।

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मंत्री परमार ने कहा कि बच्चों को स्थानीय भाषा में शिक्षा देने के साथ ही वर्तमान की नई टेक्नोलॉजी (new technology), तकनीक (technique) और सॉफ्टवेयर (software) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने अत्यावश्यक है। बच्चों के जीवन को और प्रभावशाली बनाने के लिए शिक्षण प्रक्रिया के तहत उन्हें डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करना सिखाया जाएगा। मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि किसी भी स्थिति में और संकट के समय बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। इसका ध्यान रखना आवश्यक है।

इसके साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्थानीय लोगों और पंचायत का सहयोग ले और शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदार बनें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम (activity based learning program) चलाया जाए और साथ ही एनजीओ की परफॉर्मेंस निर्धारित की जाए।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 5 दिसंबर 2020 को सीएम शिवराज की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें निर्णय लिया गया था कि 1 से 8वीं तक की कक्षाएं 31 मार्च तक बंद रहेगी। ऐसी स्थिति में सरकार अभी इस निर्णय पर पुनर्विचार करने को तैयार नहीं है। वही बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा मामला सरकार के लिए बेहद संवेदनशील है।


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