MP School, Teachers Recruitment : एमपी स्कूल छात्रों के लिए शिक्षा मंत्री द्वारा बड़ी घोषणा की गई है। जिससे उन्हें बस्तों के बोझ से छुटकारा मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ मूल्यांकन की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाएगा। मध्य प्रदेश में वार्षिक परीक्षा के बदले गतिविधियों पर सतत मूल्यांकन के साथ प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। साथ ही रटने वाली व्यवस्था समाप्त होगी। सीखने और सिखाने पर जोर दिए जाने का भी प्रयास किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग की स्थापना दिवस पर शिक्षा के अधिकार और मानव अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला में यह महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अब बच्चों को दिए जाने वाले होमवर्क के बोझ को कम किया जाएगा। वार्षिक परीक्षा के बदले गतिविधियों पर उनका सदस्य मूल्यांकन किया जाएगा। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाया जाने की तैयारी की जा रही है।
62000 शिक्षकों की भर्ती का कार्य होगा पूरा
इस दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षकों की भर्ती पर भी महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अब तक 50000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है जबकि आगे भी 62000 शिक्षकों की भर्ती का कार्य पूरा किया जाएगा। शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी नीति तैयार की जा रही है।
मानव अधिकार पुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में मानवाधिकार को पाठ के रूप में जोड़ा जाएगा और रिटायरमेंट के बाद प्रशासनिक अधिकारी इसे पढ़ाएंगे। इसके अलावा मध्य प्रदेश के CM राइज स्कूलों में बाल वाटिका का भी शुभारंभ किया जाएगा।
7 क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई
इससे पूर्व अरुण, उदय और प्रभात कक्षाएं शुरू की जा चुकी है। वही 3 साल नर्सरी, केजी और kg2 तक पढ़ाई करवाई जाएगी। साथ ही 7 क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई करवाए जाने की तैयारी की जा रही है। अब प्राथमिक कक्षाओं में निवाड़ी, बघेली, बुंदेलखंडी, मातृभाषा और मालवी में भी पढ़ाई कराई जाएगी।