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Sat, Dec 6, 2025

MP School: निजी स्कूल फीस में पालकों को मिली राहत, विभाग ने जारी किया आदेश

Written by:Kashish Trivedi
MP School: निजी स्कूल फीस में पालकों को मिली राहत, विभाग ने जारी किया आदेश

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में निजी स्कूल (private school) द्वारा बढ़ती फीस (fees) को लेकर लगातार विरोध देखा जा रहा है। इस सिलसिले में पिछले दिनों पालक संघ द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। पालक संघ द्वारा पैदल मार्च निकालकर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार (indar singh parmar) से मुलाकात की गई थी। अब इस मुद्दे पर लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of public education) ने आदेश जारी किया है।

दरअसल लोक शिक्षण संचालनालय आदेश जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी सूरत में बच्चे की फीस (fees) जमा नहीं होने पर उसे ऑनलाइन कक्षा (online class) या परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकेगा। साथ ही आदेश में कहा गया कि ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले भी लोक शिक्षण संचालनालय आदेश जारी किए जा चुके हैं। जिसके मुताबिक अभिभावकों से एकमुश्त फीस की मांग निजी स्कूल नहीं कर सकते हैं।

प्रदेश में अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूलों द्वारा शैक्षणिक शुल्क में कई अन्य तरह के मद को जोड़कर स्कूल फीस की वसूली की जा रही है। जिस का विरोध करते हुए पिछले दिनों पालक संघ ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार से मुलाकात की थी। मंत्री के दिशा निर्देश के बाद पालक महासंघ ने लोक शिक्षण संचनालय के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था।

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अब इस मामले में डीपीआई ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जिन स्कूलों के खिलाफ शिकायत मिली है। उनके खिलाफ जांच की जा रही है। अगर स्कूल जांच में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। डीपीआई संचालक केके द्विवेदी (kk dwivedi) का कहना है कि पालक महासंघ की ओर से कुछ निजी स्कूलों के खिलाफ शिकायत पहुंची है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी कर दिया गया है। वही स्थिति स्पष्ट होने के बाद आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।

ज्ञात हो कि निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी और बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पास चार सौ से अधिक शिकायतें पहुंची है। शिकायतों में लगातार निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी और अन्य तरह की मदद को जोड़कर फीस वसूली की शिकायत लगाई गई है। हालांकि हाईकोर्ट और राज्य शासन द्वारा अभिभावकों के हित में निर्णय देने के साथ ही निजी स्कूलों को चेतावनी दी गई है और कई तरह के आदेश जारी किए गए हैं बावजूद निजी स्कूलों द्वारा उन आदेशों की अवहेलना की जा रही है।