भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में एक बार फिर से शराबबंदी (liquor ban) को लेकर मामला गरमा गया। प्रदेश सरकार (Shivraj government) द्वारा आबकारी नीति (Excise policy) को लेकर बड़ी तैयारी कि जा रही है। दरअसल शराब ठेकेदारों के एकाधिकार (monopoly) को खत्म करने के लिए अब राज्य शासन द्वारा प्रस्तावित आबकारी नीति में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। प्रस्तावित आबकारी नीति में बदलाव होने के बाद अब शराब दुकानों के ठेके जिलेभर की दुकानों का 1 या 2 समूह बनाकर नहीं होंगे। बल्कि इसकी जगह पर 2 से 5 दुकानों के समूह बनाए जाएंगे।
इतना ही नहीं प्रस्तावित आबकारी नीति में बदलाव करने से एक तरफ जहां ठेके लेने के लिए कई ठेकेदार ने प्रतिस्पर्धा भर बढ़ेगी। वहीं राजस्व में वृद्धि होगी। इसके अलावा मिलावटी शराब पर रोक लगने के साथ ही देसी शराब की दर को भी कम किया जाएगा।
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इससे पहले प्रस्तावित आबकारी नीति को लेकर दिसंबर गृह मंत्री की अध्यक्षता में बैठक की गई थी। बैठक में अन्य राज्यों के प्रधान के बारे में प्रस्तुतीकरण जानकारी दी गई थी। नई शराब नीति MSP और MRP शुल्क के बीच के अंतर को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है।
ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि शराब की दरों को कम किया जा सके। वहीं जिले में शराब दुकानों को एक या दो समूह में बांटकर ठेके नीलाम करने से प्रतिस्पर्धा के अवसर भी कम होते हैं। जिसके बाद कुछ व्यवसाई का शराब व्यापार पर कब्जा हो जाता है। ऐसी स्थिति में जब छोटे समूह बनाकर दुकानें नीलाम की जाएगी तो प्रभावित राजस्व की भी पूर्ति होगी इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। हालांकि प्रस्तावित नीति को लेकर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है।





