मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक आदिवासी जनसंख्या वाले राज्य में 22% आबादी का इस तरह उत्पीड़न चिंताजनक है।
उन्होंने सवाल किया कि ‘क्या सरकार ने कोई आदिवासी उत्पीड़न योजना चला रखी है’। सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि ‘क्या राज्य में आदिवासी होना अब जुर्म बन गया है। आखिर अधिकारियों द्वारा क्यों लगातार आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है।’

उमंग सिंघार ने उठाया आदिवासी अत्याचार का मुद्दा
उमंग सिंघार ने आदिवासी अत्याचार का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक आदिवासी जनसंख्या वाले राज्य में बाईस प्रतिशत आबादी का इस तरह उत्पीड़न चिंताजनक है। सिंघार ने कई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि खिवनी में वन विभाग ने भारी बारिश के बीच आदिवासियों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें बेघर कर दिया गया। नेपानगर में पीढ़ियों से खेती की जा रही आदिवासी जमीन को अवैध बताकर पट्टे निरस्त किए गए। धार के तिरला में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा आदिवासियों को अपशब्द कहने और धमकाने का वीडियो वायरल हुआ है। वहीं, चंदेरी में दबंगों ने जमीन विवाद में आदिवासियों की झोपड़ियों में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम में आदिवासियों की जमीन छीनने और महिलाओं के साथ मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं।
सरकार से की मांग
नेता प्रतिपक्ष ने बीजेपी पर तंज कसते हुए पूछा है कि “क्या सरकार ने कोई आदिवासी उत्पीड़न योजना’ चला रखी है? क्या राज्य में आदिवासी होना अब अपराध बन गया है? आखिर अधिकारियों द्वारा आदिवासियों को क्यों टारगेट किया जा रहा है?” उन्होंने मांग की कि पूरे राज्य में जिस तेजी से आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, उसे रोकने के लिए सरकार कठोर कदम उठाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।
मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं—
1. खिवनी में वन विभाग ने भारी बारिश के बीच आदिवासियों के आशियाने बुलडोजर चला कर उजाड़ दिए।
2. नेपानगर में पीढ़ियों से जिस जमीन पर आदिवासियों द्वारा खेती की जा रही थी उसे अवैध बताकर पट्टे निरस्त कर दिए गए।…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) July 2, 2025